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Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के भिण्ड में जलसंकट हैं। मिहोना नगर परिषद के वार्डों में रहने वाले लोग नाले का पानी तक पीने को मजबूर हैं। गंदा पानी पीने से लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पढ़ें हरिभूमि की स्पेशल रिपोर्ट।

शुभम जैन, भिंड। जिले के मिहोना नगर परिषद के वार्डवासी जलसंकट से जूझ रहे हैं। पानी की किल्लत इतनी ज्यादा है कि लोग नाली का पानी पीने को मजबूर हैं। वार्ड में रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर परिषद की 50 साल पुरानी पाइप लाइन जगह -जगह फूट गई है। इसके कारण लोगों के घरों में नालियों का गंदा पानी पहुंच रहा है। मजबूरी में लोगों को यही पानी पीना पड़ रहा है। गंदा पानी पीने से लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। लोगों ने यह भी बताया कि कई बार शिकायत की लेकिन नगर परिषद ने ध्यान नहीं दिया। 

शिकायत के बावजूद भी नहीं हो रही सुनवाई
नगर के जिम्मेदार नागरिकों द्वारा नगर परिषद में पानी की पाइप लाइनों के बारे में अधिकारियों से कई बार शिकायत करने बाद भी आज तक कोई अमल नही किया गया है। वहीं वार्ड में रहने वाले कृष्ण चौबे ने बताया कि पानी इतना गंदा आ रहा है कि आप नहा नहीं सकते। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 

दूषित पानी से हो सकती हैं कई बीमारियां
रौन बीएमओ अनिल शर्मा ने बताया कि पानी अगर साफ नहीं पीते हैं तो इसका असर सबसे अधिक पेट में होता है। पेट में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। लीवर कमजोर हो सकता है। बार-बार शौच के लिए जाना पड़ सकता है। इसके लिए अगर आप कहीं से पानी ले रहे हैं, तो कम से कम 20 मिनट तक उसे उबालें। इसके बाद ही उपयोग में लाएं। ऐसे पानी का उपयोग खाना बनाने में भी न किए जाने की सलाह बीएमओ ने दी है।

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