भोपाल (आनंद सक्सेना): गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर और अरेरा हिल्स तक राजधानी के सबसे सबसे लंबे जीजी फ्लाईओवर की अंतिम टेस्टिंग पूरी हो चुकी। इसके साथ ही मैनिट और ट्रैफिक पुलिस द्वारा क्लियरेंस भी दिया जा चुका है। पौने 3 किमी लंबा फ्लाईओवर 121 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। भोपालवासियों को अब इस फ्लाईओवर के लोकार्पण का इंतजार है।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, फ्लाईओवर की लंबाई 2734 मीटर है। इसका काम दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और वर्ष 2022 में इसे पूरा बनकर तैयार होना था, लेकिन बनने में 4 साल लग गए। गायत्री मंदिर की तरफ थर्ड आर्म बनने में काफी समय लगने से इसके लोकार्पण कार्यक्रम को कई बार टाला गया। इसके अलावा मैनिट और ट्रैफिक पुलिस के द्वारा फ्लाईओवर के शुरू और आखिरी हिस्से में ट्रैफिक को लेकर कई खामियां बताई गईं। इसको लेकर गणेश मंदिर और अरेरा हिल्स की तरफ सुधार कार्य करने के बाद ही क्लियरेंस मिला।
भारी वाहनों को दौड़ाया, लाइटिंग टेस्ट भी हुए
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, गणेश मंदिर से वल्लभ भवन चौराहा की ओर आने वाली पहली और दूसरी आर्म का काम पूरा हो चुका है। इस रूट पर लोड टेस्ट भी हो चुका है, फिर भी ट्रैफिक का संचालन शुरू होने पर लोगों को कोई परेशानी न आए, इसलिए यहां कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। मैनिट के एक्सपर्ट्स से मिली सलाह के बाद पीडब्ल्यूडी ने बदलाव किए हैं।
सावरकर सेतु से बोर्ड ऑफिस तक जाम से मिलेगी राहत
जीजी फ्लाईओवर से एमपी नगर आने वाला ट्रैफिक जीजी फ्लाईओवर से निकलेगा। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 से रात 8 बजे के बीच सावरकर सेतु से बोर्ड ऑफिस तक लंबा जाम रहता है। इनमें से 60 प्रतिशत वाहन ऐसे होते हैं, जिन्हें एमपी नगर में दाखिल ही नहीं होना होता है। यह ट्रैफिक सरकारी दफ्तरों व चेतक ब्रिज के साथ रानी कमलापति स्टेशन और रचना नगर या मान सरोवर की ओर जाता है। फ्लाई ओवर न होने से ये वाहन एमपी नगर में ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं।