Indore Rangpanchami: मध्य प्रदेश के इंदौर में बड़ी घटना हो गई। रंगपंचमी पर बुधवार (19 मार्च) को गेर में लाखों लोग उमड़े। राजवाड़ा में ट्रैक्टर ने एक शख्स को कुचल दिया। पेट के ऊपर से पहिया निकला और शख्स की मौत हो गई। मृतक कौन है? फिलहाल पहचान नहीं हो पाई। दूसरी तरफ गेर में तीन लोग घबराहट से बेहोश हो गए। फाग यात्रा में एक शख्स की तबीयत बिगड़ गई।
पुलिस ने संभाली व्यवस्था
गेर में हर तरफ पुलिस तैनात है। पुलिस नरसिंह बाजार से राजवाड़ा की ओर जाने वाले लोगों के मास्क ले रही है। उनके भोंपू भी जब्त किए जा रहे हैं।पुलिस ने ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से पूरी गेर पर नजर रखी जा रही है। फाग यात्रा में मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक मालिनी कौर भी शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कालीचरण महाराज सहित कई देशी-विदेशी मेहमान शामिल हुए हैं।
लोगों ने एम्बुलेंस को दिया रास्ता
भोपाल: 6 टैंकरों से बरसा गुलाल
भोपाल में रंगपंचमी की धूम है। जूलूस में हजारों लोग शामिल हुए। जूलूस घोड़ा नक्कास कुंदन नमकीन जुमेरती होते हुए पीर गेट वाली कर्फ्यू माता के मंदिर पहुंचा। जूलूस में 6 टैंकरों से लोगों पर गुलाल बरसाया गया। उज्जैन में रंगपंचमी पर भगवान महाकाल को एक लोटा केसर युक्त रंग अर्पित किया गया।
जानें क्यों देशभर में प्रसिद्ध है इंदौर की गेर परंपरा
बता दें कि इंदौर में गेर की परंपरा तीन सौ साल पुरानी है। कहा जाता है कि होलकर राजघराने के लोग रंगपंचमी के दिन बैलगाडि़यों से फूल और गुलाल आम नागरिकों पर डालते थे। इससे सामाजिक सौहाद्र्र बढ़ा और धीरे धीरे गेर ने पूरी तरह से सामाजिक रंग ले लिया। सौ साल पहले इसे सामाजिक रूप से सार्वजनिक जगहों पर मनाने की शुरुआत हुई। इस कड़ी में कई आयोजन जुड़ते गए।
रंगू पहलवान डालते थे रंग
मल्हारगंज क्षेत्र में कुछ लोग खड़े हनुमान के मंदिर में फगुआ गाते थे और एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाते थे। इसी क्षेत्र में रहने वाले रंगू पहलवान एक बड़े से लोटे में केसरिया रंग घोलकर आने-जाने वालों पर रंग डालते थे। इन सब आयोजनों ने गेर को समय के साथ भव्य रूप दिया। अब एमपी की नहीं देशभर में इंदौर की गेर रंगपंचमी प्रसिद्ध है।