मधुरिमा राजपाल, भोपाल
मानव संग्रहालय द्वारा जनजाति गौरव दिवस 2024 के अवसर पर लोक व जनजातीय कलाकारों ने संग्रहालय के प्रवेश द्वार की दीवार पर जनजातीय चित्रकला को उकेरा। इसमें किसी ने गोंड, भील तो किसी ने उरांव जनजातिय कला को अपनी कल्पना की कूची से चित्रों के रुप में साकार रुप देने का प्रयास किया।
रंग बिरंगी चित्रकला से सजी दीवरें मानव संग्रहालय की खूबसूरती को दिखाता है। सभी देखकर इस पेटिंग की तारीफ कर रहे हैं और कलाकारों के कार्यों की तारीफ कर रहे हैं।
भील कलाकार सजा रहे हैं संग्रहालय की दीवार
इस संबंध में प्रो अमिताभ पांडे ने बताया कि भीलों की विशाल सांस्कृतिक परंपरा उनके धार्मिक कृत्यों, उनके गानों, नृत्यों, उनके सामुदायिक देवी-देवताओं, गोदना, पौराणिक गाथाओं तथा विद्या में अभिव्यक्त होती है। किसी स्थान विशेष की कला को जानने का मतलब उस स्थान को जानना है। इसी को ध्यान में रखते हुए भील कलाकार संग्रहालय की दीवार को सजा रहे हैं।