Madhav Tiger Reserve: मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल इलाका पर्यटन का नया केंद्र डेवलप हो रहा है। श्योपुर में कूनो के बाद शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को नई पहचान मिली है। सरकार ने इसे 9वां टाइगर रिजर्व घोषित कर दो नए बाघ छोड़ने जा रही है। सीएम मोहन यादव ने इसे बड़ी उपलब्धि बताई है। कहा, पर्यटन के साथ-साथ रोजगार और आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे। पीएम मोदी ने बधाई दी है। 

माधव नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 
माधव नेशनल पार्क की स्थापना 1956 में हुई थी। 1650 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस पार्क को बाघों के लिए आरक्षित किया गया है। माधव नेशनल पार्क का कोर एरिया 374 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन का क्षेत्रफल 1276 वर्ग किलोमीटर है। माधव टाइगर रिजर्व घोषित होने से एमपी में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

Madhav Tiger Reserve

माधव नेशनल पार्क में 7 बाघ 
माधव टाइगर रिजर्व एमपी के पन्ना और राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच स्थित स्थित है। लिहाजा, इसे वन्यजीवों के लिए यह ज्यादा सुरक्षित और अनुकूल माना जा रहा है। माधव टाइगर रिजर्व में अभी 5 वयस्क बाघों (2 नर और 3 मादा) के साथ दो शावक मौजूद हैं। दो बाघ 10 मार्च को छोड़े जाने हैं। जिसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी।

Madhav Tiger Reserve

माधव नेशनल पार्क की खासियत 
माधव टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ तेंदुए, सियार, लोमड़ी, भेडिया, जगंली कुत्ता, जंगली सूअर, साही, अजगर, चिन्कारा और चौसिंगा सहित अन्य जानवर मौजूद हैं। यहां बटेर और बाज सहित कई प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं। प्राचीन मंदिर, स्मारक, वन्य-जीव सफारी सहित विभिन्न पिकनिक स्पॉट हैं, जो पर्यटकों को लुभाते हैं। 

Madhav Tiger Reserve

माधव नेशनल पार्क कैसे पहुंचें?

  • माधव टाइगर रिजर्व बनने ग्वालयर से 45 किमी और शिवपुरी से महज 15 किलोमीटर दूर है। यह कूनो राष्ट्रीय उद्यान से भी जुड़ा है। माधव टाइगर रिजर्व में बाघ और कूनो में चीतों की मौजूदगी से यह पूरा इलाका पर्यटन का नया सर्किट बन रहा है।
  • माधव टाइगर रिजर्व सैलानियों के लिए काफी मुफीद और सुविधाजनक होगा। माधव नेशनल पार्क बस और ट्रेन के जरिए पहुंचा जा सकता है। ग्वालियर और भोपाल से फ्लाइट भी उपलब्ध है।