भोपाल: मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। फीस, पुस्तकों सहित अन्य ब्यौरा सार्वजनिक करने के आदेश के बाद भी निजी स्कूलों की ओर से अब तक ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। जबकि शासन की द्वारा नए सत्र को ध्यान में रखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन आदेश का पालन नहीं हो सकता है। इधर स्कूल शिक्षा विभाग एजुकेशन पोर्टल भी अपडेट नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि पोर्टल पर अधूरी जानकारी और आदेश ही मौजूद हैं। ऐसे में अभिभावक परेशान हैं।
यह है स्थिति
मामले में पालक महासंघ के महासचिव प्रबोध पंड्या का कहना है कि पूरे प्रदेश में संचालित करीब 34 हजार 662 निजी स्कूलों में से अब तक लगभग 400 स्कूलों की ओर से फीस की जानकारी सार्वजनिक की गई है और वह भी अधूरी है। हालात यह है कि राजधानी भोपाल में ही अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। स्कूलों के पोर्टल पर अब भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। बार-बार शासन-प्रशासन को पत्र लिखने और अवगत कराने के बाद भी इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में अभिभावक परेशान हैं।
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आदेश तो जारी हुए, लेकिन अमल नहीं हो सका
शासन-प्रशासन द्वारा प्रवेश, यूनिफार्म सहित पुस्तकों को लेकर कुछ माह पूर्व सख्त निर्देश जारी करते हुए 30 जनवरी तक ब्यौरा सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही स्कूलों को आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले अनिवार्य रूप से लेखक एवं प्रकाशक के नाम, मूल्य के साथ कक्षा वार पुस्तकों की सूची स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करने की बात कही गई थी। स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि वह प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्यपुस्तकों एवं प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट पर अनिवार्यतः अपलोड करेंगे। इसके साथ ही हॉर्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करानी होगी, लेकिन इस आदेश पर अमल नहीं हो सका है। नतीजन अभिभावक परेशान हैं।