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भाजपा आलाकमान ने मंत्रिमंडल गठन में काफी मेहनत की है। क्षेत्रवार व जातिगत समीकरण साधने कई सीनियर नेता दरकिनार हो गए। सर्वाधिक 9 मंत्री मालवा-निमाड़ और 8 मंत्री मध्य क्षेत्र से हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश की 16वीं  विधानसभा के लिए नवगठित मंत्रिमंडल में मालवा निवाड़ व मध्यक्षेत्र का दबदबा है। मालवा-निमाड़ से सर्वाधिक सात मंत्री बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव (उज्जैन दक्षिण) व उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा (मल्हारगढ़ मंदसौर) भी इसी क्षेत्र से आते हैं। इसके बाद मध्यक्षेत्र से छह मंत्री शामिल हैं। इनमें से तीन कैबिनेट और तीन राज्य मंत्री हैं। ग्वालियर-चंबल, महाकौशल, बुंदेलखंड से चार चार मंत्री और विंध्य से तीन मंत्री बनाए गए हैं। प्रत्येक रीजन में जातिगत समीकरण भी साधने का प्रयास किया है।

मालवा-निमाड़ से आठ मंत्री
मालवा-निमाड़ से मोहन मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा सहित आठ मंत्री शामिल हैं। इनमें तीन सामान्य वर्ग और तीन जनजातीय वर्ग से हैं। जबकि उपमुख्यमंत्री देवड़ा सहित दो अनुसूचित जाति शामिल हैं। ओबीसी चेहरा के रूप में यहां मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद सरकार का सबसे बड़ा चेहरा हैं।  

  1. जगदीश देवड़ा, मल्हारगढ़ मंदसौर, उप  मुख्यमंत्री
  2. कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर 1  सामान्य
  3. तुलसी सिलावट, सांवेर इंदौर अनुसूचित जाति
  4. विजय शाह, हरसूद, खंडवा  अनुसूचित जनजाति
  5. इंदर सिंह परमार, शुजालपुर, शाजापुर  सामान्य
  6. चेतन्य कश्यप, रतलाम सिटी, सामान्य
  7. निर्मला भूरिया, पेटलावद, झाबुआ अनुसूचित जनजाति
  8. नागर सिंह चौहान, अलीराजपुर  अनुसूचित जनजाति

मध्य क्षेत्र से 6 मंत्री
मोहन मंत्रिमंडल में मध्य क्षेत्र से 6 मंत्री शामिल हैं। सामान्य वर्ग से विश्वास सारंग हैं। जबकि ज्यादातर मंत्री ओबीसी वर्ग से शामिल हैं।

  1. विश्वास सारंग, नरेला भोपाल  सामान्य
  2. कृष्णा गौर, गोविंदपुरा भोपाल  ओबीसी
  3. करण सिंह वर्मा, इछावर, सीहोर  
  4. नरेंद्र शिवाजी पटेल, उदयपुरा, रायसेन ओबीसी
  5. गौतम टेटवाल, सारंगपुर, राजगढ़  
  6. नारायण सिंह पवार, ब्यावरा, राजगढ़

ग्वालियर चंबल से 4 मंत्री
ग्वालियर चंबल क्षेत्र से डॉ मोहन यादव सरकार में चार मंत्री बनाए गए हैं। दो ओबीसी और दो सामान्य वर्ग से हैं। यहां अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं है।

  1. प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर  सामान्य
  2. नारायण सिंह कुशवाहा, ग्वालियर दक्षिण  ओबीसी
  3. एंदल सिंह कंसाना, सुमावली मुरैना ओबीसी
  4. राकेश शुक्ला, मेहगांव भिंड,  सामान्य

बुंदेलखंड से 4 मंत्री
बुंदेलखंड रीजन में विधानसभा की 26 सीटें हैं। भाजपा ने 17 सीटें जीती थी। मोहन मंत्रिमंडल में चार मंत्री बनाए गए। सर्वाधिक दो ओबीसी, एक सामान्य व एक अनुसूचित जनजाति से मंत्री बनाए गए हैं।

  1. गोविंद सिंह राजपूत, सुरखी, सागर  सामान्य
  2. दिलीप अहिरवार, चंदला छतरपुर  अनुसूचित जाति
  3. लखन पटेल, पथरिया, दमोह    ओबीसी
  4. धर्मेंद्र लोधी, जबेरा, दमोह       ओबीसी

विंध्य से  3 मंत्री
विंध्य से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला सहित चार मंत्री बनाए गए हैं। रीवा से राजेन्द्र शुक्ला सामान्य वर्ग, अनूपपुर के कोतमा से विधायक दिलीप जायसवाल ओबीसी, सतना की रैगांव विधायक प्रतिमा बागरी अनुसूचित जनजाति व सिंगरौली की चितरंगी विधायक राधा सिंह अनुसूचित जनजाति से हैं। प्रतिमा व राधा पहली बार की विधायक हैं। दोनों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। 

  1. राजेंद्र शुक्ला (उपमुख्यमंत्री) रीवा, सामान्य वर्ग 
  2. दिलीप जायसवाल, कोतमा, अनूपपुर ओबीसी 
  3. प्रतिमा बागरी, रैगांव सतना, अनुसूचित जाति
  4. राधा सिंह, चितरंगी, अनुसूचित जनजाति

महाकौशल 4 मंत्री
महाकौशल रीजन से 38 सीटें हैं। भाजपा से 21 विधायक बने। इनमें 4 को मंत्री बनाया गया है। दो सामान्य और दो ओबीसी। चार में से दो मंत्री नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र से हैं।

  1. राकेश सिंह, जबलपुर पश्चिम  सामान्य
  2. प्रहलाद सिंह पटेल, नरसिंहपुर  ओबीसी
  3. राव उदय प्रताप सिंह, गाडरवारा, नरसिंहपुर  सामान्य
  4. सम्पतिया उइके, मंडला  अनुसूचित जनजाति 
     

चार मंत्री बनाए जा सकते हैं और
मप्र में विधानसभा की  230 सीटें हैं। 15 फीसदी सदस्यों के हिसाब से मप्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 35 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। अभी 28 मंत्री, दो डिप्टी सीएम और मुख्यमंत्री को मिला लें तो कैबिनेट के 31 सदस्य हो गए हैं। यानी अभी चार मंत्री और बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल में जातिवार देखें तो मोहन सरकार में एससी-एसटी के पांच-पांच, ओबीसी के 13 और सामान्य वर्ग से 8 मंत्री हैं। 

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