Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के पन्ना में दर्दनाक घटना हो गई। शुक्रवार (24 जनवरी) सुबह माता-पिता बच्चों को सोता छोड़कर जंगल चले गए। कुछ देर बाद खेत पर बनी झोपड़ी में अचानक आग लग गई। दो आदिवासी बच्चे जिंदा जल गए। मासूमों की मौत के बाद परिवार में चीख-पुकार मच गई। सूचना पर पुलिस पहुंची। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। घटना बृजथाना क्षेत्र के इटवांखास गांव की है। झोपड़ी में आग कैसे लगी? पुलिस की जांच के बाद ही कारण पता चलेगा। 

खेत पर बनी झोपड़ी में रहता था आदिवासी परिवार 
अमानगंज थाना क्षेत्र के रतनपुरा गांव निवासी देसु आदिवासी देसु आदिवासी (30) ओमप्रकाश बाजपेई के खेत पर बटाई पर काम कर रहा है। फसल की रखवाली के लिए देसु ने इटवांखास गांव में खेत की मेड़ पर घास की झोपड़ी बनाई है। झोपड़ी में ही देसु अपनी पत्नी दोनों बच्चे संदीप (3) और अंकित (2) के साथ रहता है।  देसु आदिवासी अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार सुबह दोनों बच्चों को खेत पर बनी झोपड़ी में सोता हुआ छोड़कर जंगल में लकड़ी बीनने चला गया। सुबह 9 बजे झोपड़ी में अचानक आग लग गई।

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माता-पिता लौटे तो झोपड़ी मिली खाक 
पति-पत्नी जंगल से लड़की लेकर लौटे तो झोपड़ी जलकर खाक मिली। संदीप (3) और अंकित (2) की जिंदा जलने से मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद माता-पिता चीखने-चिल्लाने लगे। सूचना मिलते ही आसपास खेत पर काम कर रहे लोग पहुंचे। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।  पुलिस का कहना है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी? कारण जानने जांच शुरू कर दी है।