MP liquor policy 2025: मध्य प्रदेश में कच्ची शराब की खपत कम करने और नशा नियंत्रण के उद्देश्य से नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत मोहन सरकार 60 अंडर प्रूफ (UP) यानी हल्के नशे वाली शराब लांच करने और नए बार खोलने का निर्णय लिया है। सरकार ने एमपी के 18 धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबंदी का फैसला भी लिया गया है।
बढ़ेगी राजस्व आय
सरकार का मानना है कि सस्ती और हल्के नशे वाली शराब उपलब्ध होने से कच्ची शराब की खपत घटेगी। क्योंकि कच्ची शराब न केवल सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे अवैध कारोबार बढ़ता है और शासन का राजस्व चपत लगती है।
राजस्थान और UP की तरह सस्ती शराब
राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में 60 यूपी (अंडर प्रुफ) शराब पहले से उपलब्ध है। यह बात अलग है कि बाजार में आपेक्षित डिमांड नहीं है। कम नशे के चलते लोग इस शराब को ज्यादा पसंद नहीं करते। मध्यप्रदेश सरकार इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने पर जोर दे रही है।
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रेडी टू ड्रिंक के साथ मिलेगी बियर
सरकार शराब की नई वैरायटी के साथ नए बार खोलने का भी निर्णय लिया है। जहां रेडी टू ड्रिंक यानी कम अल्कोहल वाली शराब उपलब्ध कराई जाएगी। इस शराब में पानी मिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुकान से खरीदने के बाद सीधी उपयोग किया जा सकेगा। बार में रेडी टू ड्रिंक के साथ बियर भी मिलेगी।
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MP के इन शहरों में शराबबंदी
मोहन सरकार ने मध्यप्रदेश 18 धार्मिक शहरों में शराब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है। CM मोहन ने बताया, उज्जैन, दतिया, पन्ना, मंदसौर, मैहर और महेश्वर सहित अन्य शहरों की 47 शराब दुकानें बंद की जाएंगी। इन्हें अन्य जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा। ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर परिषद क्षेत्रों में शराब बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। सलकनपुर माता मंदिर, कुंडलपुर और बांदकपुर जैसे धार्मिक स्थलों के 5 किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी की जाएगी।