Children Death in Indore Ashram: इंदौर के 'युग पुरुष' आश्रम में छह बच्चों की मौत का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मामले में संज्ञान लेकर जांच दल को इंदौर भेजा है। शनिवार को टीम ने इंदौर में दस्तावेज और कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जांच में ली है। साथ ही यहां की जांच में क्या मिला उसके दस्तावेज भी हासिल किए हैं। अब मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सबमिट की जाएगी।
बच्चों को लेकर पीएम मोदी संवेदनशील
जांच टीम की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि अब मामला इंदौर का नहीं राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। दिव्या ने कहा कि बच्चों को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए इसे लेकर पीएम मोदी हमेशा संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस विषय को लेकर आप पूरी तहकीकात करके आएं। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रिपोर्ट मांगी है। उनकी ओर से पीएमओ को रिपोर्ट जानी है। पीएमओ से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
दिल्ली में सभी दस्तावेज का होगा एनालिसिस
डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि हम बहुत सारे दस्तावेज साथ में लेकर दिल्ली जा रहे हैं। डॉक्टरों ने जो निरीक्षण-परीक्षण किया था। उसकी जांच के भी पेपर्स हैं। इसमें मिर्गी की दवाइयों का जो परीक्षण कर रहे थे, उसकी डिटेल्स रिपोर्ट भी है। जो ऑडिट आया है उसकी भी डिटेल्स है। पूरा पेपर वर्क और हार्ड डिस्क साथ में लेकर जा रहे हैं। दिल्ली में सभी दस्तावेज का एनालिसिस होगा। इसके बाद राज्य और केंद्र सरकार को रिपोर्ट सबमिट करनी है।
इस केस में हर चीज का पहलू
डॉ. गुप्ता ने इंदौर के अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। दिव्या का कहना है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर पाए। इस केस में हर चीज का पहलू है। उसकी डिटेल्स में जानकारी लेंगे। इसके बाद हम सरकार से अनुशंसा करेंगे कि किस तरह का स्टेप लेना है। कलेक्टर ने शोकाज नोटिस तो दे दिया है और तुरंत एक्शन भी लिया है। अब आगे देखना है। बाकी एक्शन निश्चित तौर पर होगा। बच्चों की देखभाल को लेकर समाज को सजग होना पड़ेगा।
जानें पूरा मामला
इंदौर के पंचकुइयां स्थित युग पुरुष धाम में बच्चों को लेकर प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। 30 जून को पहली मौत की वजह संस्था ने मिर्गी को मान लिया और प्रशासन को सूचना नहीं दी। 24 घंटों में एक के बाद एक 2 मौतें हो गईं। प्रबंधन ने जानकारी छिपाई। नतीजा ये रहा कि 48 घंटे के अंदर ही 2 बच्चों की और जान चली गई। छह बच्चों की मौत के बाद जांच रिपोर्ट में हैजे की बात सामने आई है। आश्रम में बच्चों को पीने के लिए गंदा पानी दिया जा रहा था और भोजन भी बहुत कम मिल रहा था।