Saurabh Sharma case: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (RTO) का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके साथी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की पुलिस रिमांड पूरी हो गई है। 7 दिन की रिमांड के बाद भी लोकायुक्त के हाथ कोई ठोस जानकारी नहीं लगी। लोकायुक्त ने 250 से ज्यादा प्रॉपर्टी पेपर खंगाले लेकिन एक भी प्रॉपर्टी सौरभ के नाम नहीं है। पूरी प्रॉपर्टी अपने घर, दोस्त और करीबियों के नाम पर ली है। अन्य प्रदेशों में फैला सौरभ का कारोबार भी अन्य लोगों के नाम पर चल रहा है। 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मामले में तीनों ने कोई राज नहीं उगला। मंगलवार (4 फरवरी) को तीनों को एक साथ लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आगे क्या होगा? जानिए
सौरभ शर्मा, चेतन गौड़ और शरद जायसवाल की रिमांड को मंगलवार को दोपहर बाद एक साथ लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। लोकायुक्त पुलिस तीनों की चार दिनों तक रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकता है। या फिर अन्य लोगों से पूछताछ के बाद दोबारा इनकी रिमांड ली सकती है। 7 दिनों की रिमांड में तीन अलग-अलग केबीन बनाकर पूछताछ करने वाली 6 सदस्यीय SIT टीम का नेतृत्व करने वाले वीरेंद्र सिंह लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद को रिपोर्ट सौपेंगे। रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद डीजी फैसला करेंगे कि लोकायुक्त को कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग करनी है या नहीं।
सौरभ के नाम से एक भी प्रॉपर्टी नहीं
लोकायुक्त ने तीनों से 40 से ज्यादा बेशकीमती प्रॉपर्टी के बारे में पूछताछ की। 20 से ज्याद प्रॉपर्टी चेतन गौर के नाम निकली है। सौरभ ने कहा कि प्रॉपर्टी उसकी नहीं है। चेतन कहता रहा कि उसकी औकात इतनी संपत्ति खरीदने की नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, शरद जायसवाल की भी 100 करोड़ की संदिग्ध संपत्तियों के दस्तावेजों को लेकर लोकायुक्त की टीम पूछताछ करती रही। यहां तक की दस्तावेज के पेपर दिखाकर भी पूछताछ की गई। लेकिन शरद भी सौरभ शर्मा को ही इस कंपनी का मुख्य सूत्रधार बताता रहा है। बता दें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मामले में तीनों ने अभी तक कोई राज नहीं उगला है। तीनों ही इस गाड़ी से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
सौरभ ने भोपाल में खपाई सबसे ज्यादा काली कमाई
लोकायुक्त टीम ने जब्त किए गए दस्तावेज की जांच तो बड़ा खुलासा हुआ। पता चला कि सौरभ ने सबसे ज्यादा काली कमाई भोपाल में ही खपाई है। यहां उसने चेतन, पत्नी दिव्या और करीबी रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी ले रखी है। जिसमें स्कूल, पेट्रोल पंप, आलीशान बंगला, प्राइम लोकेशन में प्लॉट, लग्जरी गाड़ियां सहित अन्य चल- अचल संपत्तियां शामिल है। लेकिन सौरभ अब इन संपत्तियों से अपने हाथ खींच रहा है। ग्वालियर की प्रॉपर्टी को अपना पुस्तैनी बता रहा है।
जानिए पूरा मामला
- लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त को 2.95 करोड़ कैश, दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे। गुरुवार रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिले थे।
- कार सौरभ के दौस्त चेतन सिंह की थी। सौरभ तभी से फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी। 23 दिसंबर को मामले में ईडी की एंट्री हुई थी। ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद से ही ED, IT और लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। सौरभ और उसके सहयोगी लोकायुक्त की गिरफ्त में हैं। तीनों से पूछताछ चल रही है।
अब तक 100 करोड़ से अधिक का माल बरामद
ED, IT और आयकर विभाग को अब तक चली जांच-पड़ताल में लगभग 100 करोड़ का माल मिला है। लोकायुक्त को कैश, सोने, चांदी, हीरों के जवरात सहित कुल 7.98 करोड़ का माल मिला। आयकर विभाग को 41.60 करोड़ के सोने, चांदी और हीरों के जेवरात मिले हैं। 11 करोड़ कैश सहित कुल 52.60 करोड़ का माल मिला है। ED को जांच-पड़ताल में 4 करोड़ का बैंक बैलेंस, 6 करोड़ की FD, 23 करोड़ की संपत्ति सहित 33 सहित 33 करोड़ से अधिक का माल मिला है। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।