Saurabh Sharma Case update: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (RTO) के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस में बड़ा अपडेट है। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार (28 जनवरी) को कोर्ट में सरेंडर करने से पहले सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। उसके सहयोगी चेतन गौर और शरद जायसवाल को भी गिरफ्तार किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस ने करीब 5 घंटे पूछताछ के बाद आरोपी सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर को कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को 4 फरवरी तक की रिमांड में सौंपा है। लोकायुक्त पुलिस इस दौरान उनसे पूछताछ करेगी। इससे घोटाले में शामिल नेताओं और अफसरों की टेंशन बढ़ गई है।
मध्य प्रदेश के परिवहन घोटाले के आरोपी सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को भोपाल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 4 फरवरी तक रिमांड में दिया है। pic.twitter.com/y8KvCpeKmQ
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24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश किया जाएगा
लोकायुक्त डीजी जयदेव प्रसाद ने कहा है कि सौरभ को 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामले में पूछताछ जारी है, और सौरभ के ठिकानों और गतिविधियों की जांच की जा रही है। डीजी ने यह भी स्पष्ट किया कि एजेंसियों से सौरभ की जान को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, पूछताछ की वीडियोग्राफी की जा रही है या नहीं, इस पर लोकायुक्त डीजी ने कोई टिप्पणी नहीं की। प्रसाद ने कहा कि मामले में लिप्त दूसरे लोगों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सौरभ शर्मा केस: लोकायुक्त डीजी जयदेव प्रसाद का बयान, सुनिए वीडियो pic.twitter.com/AHy1VdsPyw
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अब आगे क्या? वकील करेंगे सौरभ के बेल की मांग
मामले के सह आरोपी शरद जायसवाल के वकील सूर्यकांत का कहना है कि सौरभ की गिरफ्तार गलत है। यह असंवैधानिक घटनाक्रम है। जब कोई आरोपी कोर्ट में स्वयं आकर सरेंडर करने का आवेदन दे रहा है। कोर्ट उसके आवेदन को स्वीकार करता है। कोर्ट आरोपी को पेश होने का समय देता है। डायरी कॉल की जाती है। इसके बाद आरोपी को कोर्ट आने से पहले गिरफ्तार करना गलत है। मतलब आप उसे कोर्ट नहीं पहुंचने देना चाहते हैं। गिरफ्तार अवैध और असंवैधानिक है। सूर्यकांत ने कहा कि सौरभ के वकील राकेश पाराशर उसकी बेल की मांग करेंगे। सौरभ की जान को भी खतरा है। सूर्यकांत ने कहा कि अभी शरद के सरेंडर जैसी कोई बात नहीं है।
हिरासत में लिया गया सौरभ शर्मा, देखें Video:
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काेर्ट ने सौरभ को बुलाया था
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में करोड़पति सौरभ मंगलवार (28 जनवरी) को भोपाल जिला कोर्ट में पेश होने वाला था। एडीजे आरपी मिश्रा की कोर्ट ने सौरभ के वकील राकेश पाराशर को 28 जनवरी को केस की सुनवाई के संबंध में पेश होने के निर्देश दिए थे। कोर्ट में हाजिर होने से पहले ही सौरभ को लोकायुक्त ने हिरासत में ले लिया।
एक दिन पहले: सरेंडर करने पहुंचा था कोर्ट
सौरभ शर्मा सोमवार दोपहर 12:30 बजे अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंचा था। सौरभ के वकील ने एडीजे आरपी मिश्रा की कोर्ट में सरेंडर के लिए आवेदन दिया था। वकील ने कोर्ट को बताया था कि सौरभ लोकायुक्त के आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण में फरार चल रहा है। सौरभ अंडर इंवेस्टिगेशन है। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया था कि केस से जुड़े डॉक्यूमेंट लोकायुक्त के पास हैं।
डायरी के साथ उपस्थित होने के आदेश
वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने लोकायुक्त संगठन के विशेष लोक अभियोजक विवेक गौड़ को बुलाया। विवेक से बातचीत की। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को विवेक गौड़ को डायरी सहित कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सौरभ के वकील को भी मंगलवार को सुनवाई के संबंध में कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सौरभ कोर्ट रूम से बाहर निकल गया।
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जहर देकर मारने की आशंका
सौरभ के वकील ने कोर्ट में सौरभ की जान को खतरा बताया है। सौरभ की ओर से से कोर्ट में दिए गए आवेदन में मांग की गई है कि पुलिस हिरासत में रहने के दौरान हर 24 घंटे में सौरभ का चेकअप कराया जाए। सौरभ ने हिरासत में रहने के दौरान जहर देकर मारने की कोशिश की आशंका जाहिर की गई है।
सौरभ की जान को खतरा नहीं: लोकायुक्त
लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ से पूछताछ की जा रही है। पता किया जा रहा है कि फरारी के दौरान वह कहां-कहां रहा। सौरभ की जान का कोई खतरा नहीं है। वहीं, सौरभ के वकील राकेश पाराशर के मुताबिक, कोर्ट के आदेश पर सौरभ शर्मा सुबह 11 बजे सरेंडर करने वाला था, लेकिन, लोकायुक्त पुलिस ने उसे गलत तरीके से अरेस्ट कर लिया।
जानिए सिलसिलेवार पूरा मामला
- लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त को 2.95 करोड़ कैश, दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे। गुरुवार रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिले थे।
- कार सौरभ के दौस्त चेतन सिंह की थी। सौरभ तभी से फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी। 23 दिसंबर को मामले में ईडी की एंट्री हुई थी। ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद से ही ED, IT और लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है।
अब तक 100 करोड़ से अधिक का माल बरामद
ED, IT और आयकर विभाग को अब तक चली जांच-पड़ताल में लगभग 100 करोड़ का माल मिला है। लोकायुक्त को कैश, सोने, चांदी, हीरों के जवरात सहित कुल 7.98 करोड़ का माल मिला। आयकर विभाग को 41.60 करोड़ के सोने, चांदी और हीरों के जेवरात मिले हैं। 11 करोड़ कैश सहित कुल 52.60 करोड़ का माल मिला है। ED को जांच-पड़ताल में 4 करोड़ का बैंक बैलेंस, 6 करोड़ की FD, 23 करोड़ की संपत्ति सहित 33 सहित 33 करोड़ से अधिक का माल मिला है। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।