सचिन सिंह बैस, भोपाल: हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने छोटी आंत से एक मरीज का नया पेट बनाकर नया जीवन दिया है। मरीज के पेट से कैंसर फैल कर बड़ी आंत में पहुंच गया था। वहीं दोनों के बीच में मौजूद छोटी आंत सुरक्षित थी। जिसमें कैंसर से संक्रमित पेट को पूरी तरह से और बड़ी आंत के सिर्फ प्रभावित हिस्से को निकाला गया। इसके साथ छोटी आंत से दोबारा पेट बनाया गया। जिसे फूड पाइप और कैंसर से बची हुई बड़ी आंत से जोड़ा गया। अब मरीज रिकवर हो रहा है। इलाज के दौरान मरीज को कीमोथेरेपी भी दी गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि उसे दुर्लभ मेलिग्नेंट गैस्ट्रो केलिक फिस्टुला नामक रोग है। जिसके अब तक विश्व में सिर्फ 15 केस ही दर्ज हुए हैं।
पेट में रहता था दर्द
इस स्थिति में मरीज का भोजन पचने की जगह सीधे मल से बाहर निकल जाता था। यही नहीं पेट में हमेशा दर्द बना रहता था। जिसके चलते वो ओपीडी पहुंचा। 44 वर्षीय मरीज ने बताया कि रोग के चलते 6 हफ्ते में 10 किलो से अधिक वजन भी घट गया था। ऐसे में वो इलाज के लिए हमीदिया पहुंचा था। जहां जी आई एंडोस्कोपी जांच और और बायोप्सी की गई। जिसमें सामने आया कि एक बड़ा गैस्ट्रो कोलिक फिस्टुला पेट के ग्रेटर करवेचर हिस्से में है।
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तीन घंटे चली सर्जरी
यह ऑपरेशन सर्जरी विभाग के प्राध्यापक डॉ. समीर शुक्ला के निर्देशन में हुआ। डॉ. शुक्ला ने बताया कि सर्जरी तीन घंटे चली। सर्जरी की टीम में डॉ. समीर शुक्ला, डॉ. संजय सिसोदिया, डॉ. तृप्ती वात्सल्य डॉ. दीपक, डॉ. योगश्री चौबे, डॉ. नम्रता, डॉ. उमंग और डॉ. रघवेंद्र शामिल थे।