Eknath shinde News In Hindi: महाराष्ट्र में सीएम (Maharashtra CM) को लेकर सस्पेंस बरकरार है। इसकी जड़ में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath shinde) हैं। शिंदे ने गुरुवार (27 नवंबर) को ठाणे में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे CM पद का लालच नहीं है। मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में मुझे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का साथ मिला। मेरी ओर से सरकार बनाने में कोई समस्या नहीं होगी। पीएम मोदी और शाह जो भी फैसला लेंगे मुझे मंजूर होगा। वहीं अब ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि शिंदे ने बीजेपी के सामने एक-दो नहीं, बल्कि तीन शर्तें रख दी हैं। इन शर्तों ने बीजेपी (BJP) की नींद उड़ा दी है। आइए, जानते हैं कि शिंदे ने क्या शर्तें रखी हैं।
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद या सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर बीजेपी के सामने जाे तीन शर्तें रखी हैं, वो कुछ ऐसी हैं:
एकनाथ शिंदे की पहली शर्त
शिंदे ने अमित शाह के साथ हुई बैठक में कहा कि विधानसभा चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया था। इसलिए CM पद पर मेरा दावा बनता है। महिला मतदाताओं, मराठा और ओबीसी समुदाय ने मेरे नेतृत्व पर भरोसा जताकर वोट दिया। ऐसे में अगर मुझे सीएम नहीं बनाया गया, तो इससे इन वर्गों में गलत संदेश जाएगा।
एकनाथ शिंदे की दूसरी शर्त
शिंदे ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी मुख्यमंत्री पद पर अपने नेता को नियुक्त करती है, तो गृह, वित्त और राजस्व जैसे अहम विभाग शिवसेना को दिया जाए। शिदें ने कहा कि मेरा मानना है कि यह सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।
एकनाथ शिंदे की तीसरी शर्त
शिंदे ने कहा कि अगर मेरी पहली दो शर्तें नहीं मानी जातीं, तो शिवसेना सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी। हालांकि, उनकी पार्टी और सांसद बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन देंगे। इन तीन शर्तों ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। ये भी कहा जा रहा है कि शिंदे की इन शर्तों की वजह से ही महाराष्ट्र में कैबिनेट की रूपरेखा तैयार करने में देरी हो रही है।
दिल्ली की बैठक रही बेनतीजा
288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति ने 230 सीटें जीती हैं, लेकिन सत्ता का बंटवारा मुश्किल हो गया है। दिल्ली में अमित शाह, जेपी नड्डा और शिंदे की बैठक के बावजूद सहमति नहीं बन सकी। शिंदे ने दावा किया कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया, और जनता ने उनके नाम पर वोट दिया। उन्होंने अमित शाह को कई सर्वे भी दिखाए, जिसमें वे जनता की पहली पसंद बताए गए।
गांव जाकर शिंदे ने बढ़ाया सस्पेंस
दिल्ली से लौटने के बाद शिंदे ने अचानक मुंबई की बैठक छोड़कर सतारा स्थित अपने गांव का रुख कर लिया। शिंदे के करीबी कहते हैं कि जब भी शिंदे कोई बड़ा फैसला लेने वाले होते हैं, तो वे अपने गांव जाते हैं। इससे सियासी हलचल और तेज हो गई है। अब भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की महायुति में अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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महायुति में बढ़ता जा रहा तनाव
शिवसेना नेता भरत गोगावले ने फडणवीस के पास गृह विभाग होने पर सवाल उठाए। गोगावले ने मीडिया से बातचती में कहा कि जब शिंदे डिप्टी सीएम होंगे, तो गृह मंत्रालय भी उनके पास होना चाहिए। इससे साफ जाहिर होता है कि महायुति के भीतर कैबिनेट बर्थ को लेकर कहीं न कहीं असंतोष है। सत्ता के बंटवारे पर यह खींचतान गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़ा कर रही है।
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कौन बनेगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री?
महाराष्ट्र की जनता के बीच भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा? शिंदे और फडणवीस के नामों के बीच खींचतान चल रही है। अमित शाह ने महायुति नेताओं को फिर से बैठक करने का निर्देश दिया है। अगले एक-दो दिन में फैसला आ सकता है। लेकिन शिंदे की शर्तों और भाजपा की रणनीति से मामला और उलझता दिख रहा है।