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MVA Seat-Sharing Dispute: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही महा विकास आघाड़ी (MVA) के अंदर सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच आपसी मतभेद ने गठबंधन की स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं। 

MVA Seat-Sharing Dispute: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले महा विकास आघाड़ी (MVA) में गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गंभीर मतभेद सामने आए हैं। राज्य के प्रमुख नेता शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले इस गठबंधन के भीतर सभी दल एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार रहे हैं, जिससे गठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। 

मुख्य सीटों पर टकराव
प्रमुख सीटों जैसे परांडा, दक्षिण सोलापुर, डिगर्स और मिरज में गठबंधन के सदस्यों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। डिगर्स में कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे को उद्धव ठाकरे गुट के सहयोगी पवन जैसवाल चुनौती दे रहे हैं, वहीं मिरज में कांग्रेस के मोहन वानखेड़े उद्धव ठाकरे के तानाजी सटपूते के खिलाफ खड़े हैं।

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छोटे दलों की नाराजगी
आघाड़ी के छोटे सहयोगी दल, जैसे कि किसान और मजदूर पार्टी और समाजवादी पार्टी, सीटों के आवंटन से नाखुश हैं। समाजवादी पार्टी ने अपने मजबूत क्षेत्रों जैसे मालेगांव सेंट्रल और धुले शहर में अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। 

पवार और राउत के बीच मतभेद  
गठबंधन के भीतर नाना पटोले और संजय राउत के बीच भी सीटों के बंटवारे पर मतभेद की खबरें हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बात से नाखुश हैं कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पहले ही सामने रखा जा रहा है। 

हरियाणा चुनाव का असर
हाल ही में हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। इस मौके का फायदा उठाते हुए ठाकरे और पवार गुट अपने उम्मीदवारों को प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। 

गठबंधन की स्थिरता पर संकट
लोकसभा चुनावों में महा विकास आघाड़ी की सफलता के बाद विधानसभा चुनाव में सीटों की बढ़ती मांग ने गठबंधन को कमजोर कर दिया है। जहां बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन सामंजस्य दिखा रहा है, वहीं MVA में एकता की कमी नजर आ रही है। 

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