Pune Accident: महाराष्ट्र के पुणे में दो आईटी प्रोफेशनल्स अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जिस इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान- पोर्श टायकन कार ने अनीश की बाइक को टक्कर मारी थी, वह बिना रजिस्ट्रेशन पुणे की सड़कों पर फर्राटा भर रही थी। महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट 2 मौतों के बाद जागा है। उसका कहना है कि 1,758 रुपए की फीस का भुगतान न करने की वजह से एक करोड़ की कार का रजिस्ट्रेशन मार्च से पेंडिंग था।
मार्च में बिल्डर ने किया था इंपोर्ट
पोर्श टायकन, की एक्स-शोरूम कीमत कथित तौर पर 1.61 करोड़ से 2.44 करोड़ के बीच है। कल्याणी नगर में रविवार (19 मई) की सुबह जब हादसा हुआ तो कार को बिल्डर का 17 वर्षीय बेटा चला रहा था। वह नशे में था। महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने बताया कि बेंगलुरु के एक डीलर ने मार्च में पोर्श कार को इंपोर्ट कराया था। जिसे बाद में अस्थायी पंजीकरण के साथ महाराष्ट्र भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि जब कार को पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में पेश किया गया तो पता चला कि पंजीकरण शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था और मालिक को प्रक्रिया पूरी करने के लिए राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया था। हालांकि, बाद में कार को रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ के सामने नहीं लाया गया।
रजिस्ट्रेशन फीस महज 1,758 रुपए
अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट है। नतीजतन, पोर्श टायकन के लिए पंजीकरण शुल्क केवल 1,758 है, जिसमें हाइपोथेकेशन शुल्क के लिए 1,500, स्मार्ट कार्ड आरसी शुल्क के लिए 200 और डाक शुल्क के लिए 58 शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि पोर्श इंडिया की वेबसाइट विभिन्न मॉडलों की एक्स-शोरूम कीमतें 96 लाख से शुरू होकर 1.86 करोड़ से अधिक बताती है, हालांकि टायकन मॉडल की विशिष्ट कीमत नहीं बताई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि वाहन के पास कर्नाटक द्वारा जारी अस्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र था, जो मार्च से सितंबर 2024 तक वैध है। बेंगलुरु में पोर्श डीलर, जिसने अस्थायी पंजीकरण पूरा कर लिया था, उसकी कोई गलती नहीं थी। अधिकारियों ने कहा कि आरटीओ से स्थायी पंजीकरण प्राप्त करना मालिक की जिम्मेदारी है। इस अवधि के दौरान अस्थायी पंजीकरण वाले वाहन केवल आरटीओ तक और वहां से ही चलाए जा सकते हैं।
विवेक भीमनवार ने कहा कि कथित तौर पर कार चलाने वाले 17 वर्षीय लड़के को 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा।
मंगलवार को पुलिस ने नाबालिग को शराब परोसने के आरोप में 17 वर्षीय ड्राइवर के पिता और चार रेस्तरां अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले आरोपी लड़के को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) हादसे के 15 घंटे के भीतर कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी।
बालिग की तरह चले मुकदमा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग भी है। उन्होंने गंभीर दुर्घटना पर जेजेबी के नरम रुख पर दुख और निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि आरोपी लड़के पर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। घटना के संबंध में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि पिता को यह पता था कि उसके बेटे के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, इसलिए उसने उसे कार दे दी, जिससे उसकी जान खतरे में पड़ गई।
पुणे कार दुर्घटना के शिकार कौन थे?
मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के रूप में की गई। दोनों आईटी प्रोफेशनल्स मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे। इस बीच पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को मामले में तीन आरोपियों- एक मालिक और विभिन्न रेस्तरां के दो प्रबंधकों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुणे जिला कलेक्टर के आदेश पर महाराष्ट्र उत्पाद शुल्क विभाग ने दो प्रतिष्ठानों को सील कर दिया है।
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