Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर दौसा जेल से जान से मारने की धमकी मिली है। बीते सात महीनों में यह दूसरी बार है जब दौसा की श्यालवास जेल से किसी कैदी ने सीएम को धमकी भरा कॉल किया है।
देर रात कॉल कर दी जान से मारने की धमकी
घटना शनिवार देर रात करीब 12:45 बजे की बताई जा रही है। जेल में बंद एक आरोपी ने जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर कहा, "आज रात 12 बजे से पहले मुख्यमंत्री को जान से मार दूंगा।" इस धमकी के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सतर्क हो गईं।
सूचना मिलने के बाद एएसपी गुरु शरण राव और डीएसपी चारुल गुप्ता सहित पुलिस की टीमें जेल पहुंचीं और वहां सर्च ऑपरेशन शुरू किया। बताया जा रहा है कि आरोपी पॉक्सो एक्ट के तहत जेल में बंद था और उसने 10 मिनट में दो बार कॉल किया।
जेल में चला सर्च ऑपरेशन, मिले मोबाइल फोन
धमकी भरा कॉल आने के बाद जयपुर पुलिस ने तुरंत दौसा पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पापदड़ा और नांगल थाने की पुलिस ने जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कुछ कैदियों के पास से मोबाइल फोन बरामद किए गए।
यह पहली बार नहीं है जब श्यालवास जेल से मुख्यमंत्री को धमकी मिली हो। इससे पहले 27 जुलाई 2024 को भी जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर सीएम को जान से मारने की धमकी दी गई थी। उस समय भी स्पेशल टीम ने जेल में तलाशी अभियान चलाकर मोबाइल जब्त किए थे और मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।
जुलाई 2024 में तीन जेल अधिकारी हुए थे सस्पेंड
पिछले साल जुलाई में धमकी मिलने के बाद हुई जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। जेल में मोबाइल फोन की पहुंच को लेकर प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई थी। इसके चलते जेल अधीक्षक कैलाश दरोगा, जेलर बिहारी लाल और मुख्य प्रहरी अवधेश कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था।
जनवरी 2024 में भी मिल चुकी थी धमकी
इससे पहले, जनवरी 2024 में भी मुख्यमंत्री को धमकी भरा कॉल मिला था। तब जयपुर सेंट्रल जेल में 5 साल से बंद एक कैदी ने कंट्रोल रूम में कॉल कर कहा था कि वह सीएम को गोली मार देगा। इसके बाद उसने फोन बंद कर दिया था। बाद में पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर आरोपी की पहचान की थी और जेल में तलाशी अभियान के दौरान कई मोबाइल फोन जब्त किए गए थे।
जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे, बड़ा सवाल
बार-बार जेल से धमकी भरे कॉल आना जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। जेल के भीतर मोबाइल फोन पहुंचने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जेल में सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं।
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जेलों में मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की पहुंच को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।