Rajasthan News: राजस्थान के विधायकों के लिए होने वाला प्रशिक्षण कार्यशाला आज से शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जयपुर पहुंच गए हैं। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।
सदन में मनभेद न हो
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बताया नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए एक दिन का प्रबोधन कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे से चलेगा। जिसका समापन सत्र शाम 4 बजे होगा। कार्यशाला का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया।
कार्यक्रम के शुरूआत में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा यह प्रबोधन कार्यक्रम सभी विधायकों के लिए उपयोगी है। हमें सदन में ऐसा व्यवहार करना चाहिए की जनता के बीच अच्छा संदेश जाए। सदन में मनभेद न हो ऐसा व्यवहार बनाना चाहिए।
संविधान की मूल प्रति में पर उठाए सवाल
ट्रेनिंग के उद्घाटन सत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का अभी जो संविधान उपलब्ध है वह पूरा नहीं है, संविधान की पहली कॉपी में हमारी पांच हजार साल पुरानी सभ्यता के चित्र है, वह सबको उपलब्ध करवाएं।
संविधान की मूल प्रति में हनुमान जी का चित्र है, हमारी जाति को हनुमान से ज्यादा जोड़ा जाता है। इस कॉपी में अकबर, बुद्ध, जैन तीर्थंकर के भी चित्र हैं। संविधान की मूल प्रति में आपको पांच हजार साल पुरानी संस्कृति का चित्रण मिल जाएगा।
सब कुछ मुमकिन है - उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा मुश्किल कब आती है जब आप उन लोगों के सामने बोलते हो जो आपको अच्छी तरह जानते हैं, मुझे यहां बहुत कुछ सीखने को मिला है। वहीं राजस्थान के सीएम पद के लिए उपराष्ट्रपति ने कहा यहां का सीएम होना बहुत बड़ी बात है और यह पद उन्हें जिस तरह से मिला है उसे साबित हो गया है कि अब सब कुछ मुमकिन है।
लोकतंत्र के सशक्तिकरण के साथ संसदीय परंपराओं और विधायी प्रक्रियाओं को समृद्ध बनाना हमारा ध्येय है!
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) January 16, 2024
इसी क्रम में आज वीर भूमि के गौरव माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ जी व माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी जी की गरिमामय उपस्थिति में राजस्थान विधानसभा में… pic.twitter.com/I8ilzg4KwF
सामने वाला विरोधी नहीं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पक्ष हो या विपक्ष हो प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। सदन एक परिवार की तरह चलेगा। सत्ता पक्ष को हमेशा यह ध्यान रखना पड़ेगा, सामने वाला विरोधी नहीं है। सामने वाले जो बात कहता है वह जनहित की है।