Cyber fraud in Ayodhya:अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह से पहले साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं। राम मंदिर के लिए चंदा देने वाले भक्तों के साथ क्यूआर कोड के जरिए फ्रॉड किया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP)ने इसे लेकर आगाह किया है। परिषद ने धोखाधड़ी में शामिल फर्जी नेटवर्क के खिलाफ चेतावनी जारी है। VHP के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने किसी व्यक्ति या समूह को चंदे की राशि की ऑनलाइन उगाही की इजाजत नहीं दी है। लोग ऐसी धोखाधड़ी से सावधान रहें।
कैसे काम करते हैं साइबर स्कैमर्स
साइबर स्कैमर्स धोखाधड़ी को बेहद शातिर तरीके से अंजाम दे रहे हैं। सोशल मीडिया और कॉल करके राम मंदिर के लिए डोनेट करने का अनुरोध किया जाता है। अगर इंसान दान देना चाहता है तो उसे क्यूरआर कोड भेजा जाता है। इसे स्कैन कर राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। विनोद बंसल ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक खुशी का मौका है। हम इसमें शामिल होने के लिए लोगों को न्यौता भेज रहे हैं। अभी हम किसी से भी चंदा स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
कैसे सामने आया मामला
स्कैमर्स ने एक व्यक्ति को चंदे के लिए फोन किया। उसने सारी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। इस बात की जानकारी परिषद को दी। परिषद इसके बाद एक्टिव हुआ। गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के डीजीपी और दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखी। धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। वीएचपी ने अवैध ढंग से चंदा जुटाने के लिए किए गए फोन कॉल का एक ऑडियो भी जारी किया है।
क्या है क्यूआर कोड फ्रॉड
क्यू आर कोड फ्रॉड के मामले बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इसमें जैसे ही कोड स्कैन किया जाता है सेक्रेट पिनकोड डालने का ऑप्शन आता है। कोड डालते ही पैसे स्कैमर के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। कई बार ऐसे क्यूआर कोड के जरिए पूरा मोबाइल ही हैक किया जा सकता है। साइबर पुलिस भी ऐसे अपराधियों को लेकर सतर्क कर चुकी है। इसके साथ ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI भी इस धोखाधड़ी को लेकर लोगों से सतर्क रहने की अपील कर चुकी है।