UP News : चित्रकूट के तुलसी पीठाधीश्वर और प्रख्यात संत रामभद्राचार्य द्वारा राम कथा के दौरान दिया गया बयान अब विवादों में घिर गया है। उन्होंने सार्वजनिक मंच से उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अपने शिष्य शाश्वत शर्मा को समीक्षा अधिकारी बनाने की खुली मांग की।
जगतगुरु राभद्राचार्य ने व्यास पीठ से की शिष्य को समीक्षा अधिकारी बनाने की सिफारिश...। UP विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से बोले... pic.twitter.com/g9xbOd0gDD
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) November 16, 2024
मंच से रामभद्राचार्य बोले
रामभद्राचार्य ने महाना का मंच पर स्वागत करते हुए कहा कि आप विधानसभा अध्यक्ष बन गए हैं और मैं चाहता हूं कि आप और ऊंचाइयों तक पहुंचें। मैंने आपको एक शपथ दी है। अब मैं मंच से कहता हूं कि मेरे शिष्य शाश्वत शर्मा को समीक्षा अधिकारी बना दीजिए। मुझे विश्वास है कि आप ऐसा करेंगे। अब मैं दोबारा नहीं कहूंगा।
लोगों ने उठाए सवाल
यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। वीडियो में उनके इस कथन को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या उत्तर प्रदेश में प्रमोशन और नौकरियां अब इस तरह की सिफारिशों पर मिलती हैं?
यह भी पढ़ें: जगद्गुरु रामभद्राचार्य और गीतकार गुलजार को मिलेगा साहित्य का सर्वोच्च सम्मान
आरक्षण व्यवस्था पर भी उठाए सवाल
- सुर्खियों में है। यहां उन्होंने जातिगत आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आरक्षण की की सिफारिश की है। कहा, सवर्ण समाज में जन्म लेकर हमने कोई पाप नहीं किया।
- रामभद्राचार्य ने वर्तमान आरक्षण व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा, शत प्रतिशत नंबर लाने वाला सवर्ण का बच्चा जूता सीए और 4 प्रतिशत लाकर एससी का बच्चा नौकरी पाए। इसे समाप्त ही करना होगा।
- राम भद्राचार्य ने कहा, अब कोई SC-ST और OBC नहीं सब हिंदू और भारतीय हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करेंगे, तभी जातिवाद का द्वंद समाप्त होगा।