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Prayagraj Madrasa Fake Currency: UP के प्रयागराज से बड़ी खबर है। जामिया हबीबिया मदरसे में जाली करेंसी छापने के मामले में नया खुलासा हुआ है। IB और ATS की जांच में सामने आया है कि मदरसे को तुर्की, सऊदी अरब और दुबई में बैठे लोग पैसा भेज रहे हैं।

Prayagraj Madrasa Fake Currency: प्रयागराज के जामिया हबीबिया मदरसे में जाली करेंसी छापने के मामले में नया खुलासा हुआ है। IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और ATS (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ) जांच में सामने आया है कि मदरसे को भारत के अलावा विदेशों से हर साल दो करोड़ से ज्यादा की फंडिंग होती है। मुंबई, हैदराबाद, केरल, तुर्की, सऊदी अरब और दुबई में बैठे लोग मदरसे को पैसा भेज रहे हैं।  पैसा किन बैंक अकाउंट में आता है? कहां खर्च होता था? जांच पूरी होने के बाद इन सवालों के जवाब सामने आएंगे। लखनऊ से ATS की स्पेशल टीम बुधवार को प्रयागराज पहुंचेगी।

तीन घंटे तक पूछताछ 
जांच अधिकारियों ने मदरसा कमेटी के लोगों से 3 घंटे तक पूछताछ की। सामने आया कि मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन प्रिंसिपल बनने के बाद चंदा के लिए विदेश में बैठे सभी लोगों के संपर्क में था। पूछताछ में यह भी पता चला कि विदेश और देश के अलग-अलग शहरों के लोग इमदार (मदद) के रूप में मदरसे को पैसे भेजते हैं। यह पैसा बच्चों की तालीम, उनके रहने-खाने पर खर्च होता है। साथ ही, मदरसा चलाने के खर्च भी हैं।  

जल्द ही कुंडली आएगी सामने 
IB और ATS के अधिकारियों ने चंदा को ट्रेस करना शुरू किया, तब सऊदी अरब, दुबई और तुर्की के कनेक्शन सामने आए। बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाला चंदा विदेशी अकाउंट से आ रहा था। जांच कर रहे अधिकारियों ने पैसा भेजने वाले लोगों की पहचान तो उजागर नहीं की है। मगर इनका पाकिस्तान से कनेक्शन तलाशा जा रहा है। इन बैंक अकाउंट को हैंडल करने वाले लोगों की कुंडली एजेंसियां खंगाल रही हैं।

कई आपत्तिजनक किताबें बरामद 
बता दें कि 28 अगस्त को जाली करेंसी मामले की जांच के लिए IB की टीम मदरसा पहुंची। जांच में कई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें बरामद कीं। IB को मदरसे से जो किताबें मिली हैं, उनमें एक किताब का नाम है- RSS देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन। इसके लेखक SM मुशर्रफ, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (महाराष्ट्र) हैं। मूल किताब उर्दू भाषा में लिखी गई है। यह किताब मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी तफसीरुल आरीफीन के कमरे से मिली है। मौलवी यह किताब बच्चों को पढ़ाता था।

जानें पूरा मामला 
प्रयागराज के अतरसुइया इलाके में संचालित हो रहा जामिया हबीबिया मदरसा 80 साल पुराना है। मदरसा में नकली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफ़सीरुल आफरीन और मास्टरमाइंड जाहिर खान सहित 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने  1 लाख 30 हज़ार के 100-100 के 1300 नकली नोट बरामद किए थे। इसके बाद जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरूल और उसके 3 साथियों को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। 

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