SP Leaders Sambhal Delegation Stopped: संभल हिंसा के सात दिन शनिवार(30 नवंबर) को पूरे हो चुके हैं। अब इस हिंसा पर सियासी घमासान सातवें आसमान पर पहुंच गया है। इसकी वजह ये है कि यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपना डेलिगेट संभल भेजने का ऐलान किया है। वहीं, योगी सरकार ने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और सपा के दूसरे नेताओं के संभल दौरे पर जाने से रोक दिया है। सपा नेताओं के घर पर पुलिस का पहरा बिठा दिया है।
बरेली में संभल जाने की कोशिश कर रहीं सपा विधायक पिंकी यादव समेत 10 सपा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। इसके साथ ही जहां भी जो भी नेता संभल जाते नजर आ रहा है, पुलिस उसे वहीं रोक रही है।
संभल के दौरे पर जाने वाले थे सपा के 9 नेता
सपा नेताओं के संभल दौरे से पहले लखनऊ में पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं, प्रशासन ने संभल में धारा-163 लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। बता दें कि सपा ने शनिवार को ऐलान किया कि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय समेत 5 सांसद और 4 विधायकों को संभल जाएंगे। जिन लोगों की हिंसा में मौत हुई है, उन पांच लोगों के परिवारों से मुलाकात करेंगे।
सपा संसद इकरा हासन को भी रोका गया
संभल जाने के दौरान सपा की सांसद इकरा मुनव्वर हासन को रोक दिया गया। इकरा मुनव्वर हासन ने कहा कि हम लोग संभल जाने वाले थे। वहां, पहुंचकर हम लोगों से मुलाकात करने वाले थे। इसकी जानकारी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को देते। आगे की कार्रवाई की मांग करते। हमारे 15 सदस्य संभल जाने वाले थे लेकिन सभी को अलग अलग जगहों पर रोक दिया गया है। हमें नहीं मालूम की सरकार लोकतंत्र में हमें जाने से कैसे रोक सकती है। जैसे ही संसद सत्र शुरू होगा हम संभल का मुद्दा संसद में उठाएंगे।
#WATCH | Hapur, UP: Samajwadi Party MP Iqra Munawwar Hasan says, "The delgation of Samajwadi Party was going to Sambhal to give the information regarding the Sambhal incident to Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav but they have stopped us...The delegation of the Samajwadi Party… pic.twitter.com/i0etrIOc0P
— ANI (@ANI) November 30, 2024
सपा सांसद बोले- हमें जबरदस्ती रोक दिया गया है
दिल्ली गाजियाबाद सीमा पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान को गाजियाबाद के पास संभल जाने के क्रम में रोक दिया गया। जिया उर रहमान ने कहा कि हमें संभल जाने से जबरदस्ती रोक दिया गया। हम अगर अभी संभल जाने की कोशिश करेंगे, कुछ करेंगे तो कहेंगे कि कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। मार पीट करेंगे।हम अभी दिल्ली लौट रहे हैं। अब हम परसों संसद में इस मसले को मजबूती से उठाएंगे। संसद में यह मुद्दा उठाएंगे कि किस तरह संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
#WATCH | Delhi-Ghaziabad Border | Samajwadi Party MP Zia Ur Rehman Barq says, "They (UP Police) forcibly stopped us and are not allowing us to go. The public is facing a lot of inconveniences. We will raise this issue in the Parliament regarding how they are disrespecting the… pic.twitter.com/yWXmpZuLfO
— ANI (@ANI) November 30, 2024
सपा का दावा- हमारे प्रदेश अध्यक्ष को नजरबंद किया गया
लखनऊ में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय के आवास पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। माता प्रसाद के संभल दौरे के ऐलान के ठीक बाद पुलिसकर्मियों की टीम उनके आवास पर पहुंच गई। सपा ने आरोप लगाया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को घर में नजरबंद कर दिया गया है। सपा ने कहा है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिना नोटिस दिए पुलिस ने मेरे घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। यह निंदनीय है।
सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही: सपा
सपा ने दावा किया कि योगी सरकार संभल हिंसा की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने कहा कि भाजपा संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है। दूसरी ओर, मुरादाबाद मंडलायुक्त ने सपा नेताओं से अपील की कि वह फिलहाल संभल न आएं, क्योंकि इससे शांति भंग हो सकती है। माता प्रसाद पांडेय को नोटिस थमाया गया है, जिसमें उन्हें संभल नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।
संभल में धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू
संभल के डीएम ने जिले में धारा-163 लागू कर दी है। इसके तहत बिना अनुमति पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने 1 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक भी लगा दी है। साथ ही, आदेश जारी किए गए हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार का हथियार या विस्फोटक सामग्री नहीं लाई जाएगी।
न्यायिक जांच आयोग का गठन
संभल हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। आयोग की अगुआई इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। यह आयोग जांच करेगा कि हिंसा सुनियोजित थी या अचानक भड़की थी। साथ ही, पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में कैसे एक्शन लिया, आयोग इसका भी एनालिसिस करेगी। आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो महीने का वक्त दिया गया
सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले पर सुनवाई
संभल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट को फिलहाल नहीं खोला जाएगा। ट्रायल कोर्ट को भी 8 जनवरी तक कोई कार्रवाई करने से मना किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, शुक्रवार को यूपी के चंदौसी कोर्ट में भी संभल जामा मस्जिद के सर्वे मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी थी। बताया गया कि मस्जिद के पास भारी भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने इसे काबू करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही संभल में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने संभल जिले में 1 दिसंबर तक बाहरियों के आने पर रोक लगा दी। इंटरनेट भी बैन किया गया, हालांकि, शनिवार को इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं।
सपा के दौरे पर प्रशासन का कड़ा रुख
सपा ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है। संभल में स्थित संवेदनशील है। वहीं सपा नेताओं का कहना है कि हम किसी को उकसाने नहीं जा रहे। हम तो बस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे हैं।