Cyber addiction: शादी तय होने के बाद लखनऊ के एक युवक को सोशल मीडिया पर एडल्ट वीडियो देखना महंगा पड़ गया। एक जैसा कंटेंट देखने से उसके अकाउंट पर रील से लेकर विज्ञापन तक उसी से जुड़े आने लगे। जिसके बाद वह जाल में फंसता चला गया। विज्ञापन के आधार पर उसने एक-एक करके 1.65 लाख की दवा मंगवा ली, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बल्कि दवा से उसके प्राइवेट पार्ट में इतनी दिक्कत बढ़ी कि घरवालों को उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। इसकी जानकारी होने पर घरवालों ने उस दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए साइबर सेल से संपर्क किया।
युवक सिंचाई विभाग के इंजीनियर का बेटा
बता दें कि लखनऊ का रहने वाला युवक सिंचाई विभाग इंजीनियर का बेटा है। उसकी उम्र 21 साल है। लड़के की केस हिस्ट्री सिर्फ उदाहरण है। हर घर में इंटरनेट, स्मार्ट डिवाइस, मोबाइल के जरिए छोटे बच्चों की हर तरह के कंटेंट तक पहुंच आसान हो चुकी है। इसलिए यह अलार्मिंग सिचुएशन है। साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि अमूमन बच्चों से जुड़े 90% मामलों में उन्हें मोबाइल देने पर अश्लील कंटेंट तक पहुंच बढ़ जाती है।
एक्सपर्ट: मोबाइल की उपयोगिता तय करें, चिकित्सक से करें कंसल्ट
सेक्स को लेकर समाज में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। खासकर, युवा पीढ़ी को इससे अवेयर करने की जरूरत है। समाज व शैक्षिणक संस्थान अहम भूमिका निभा सकते हैं। सोशल मीडिया व इंटरनेट पर गुमराह करने वाले अश्लील विज्ञापन आते हैं, जिनसे बच्चे भ्रमित हो जाते हैं। इन पर नियंत्रण जरूरी है। वीडियाे देखकर कई बार युवा परेशान हो जाते हैं और गलत दवाइयों का उपयोग करने लगते हैं। जो सेहत के लिए घातक है। युवाओं को किसी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर से कंंसल्ट करना चाहिए। मोबाइल के उपयोग को लेकर प्राथमिकता तय करनी चाहिए। माता पिता को ध्यान रखना चाहिए बच्चा मोबाइल पर क्या देख रहा है। नजर रखने की जरूरत है।
डॉ राजेंद्र भारती, मनोचिकित्सक
सतर्कता रखने की जरूरत
यू-ट्यूब से लेकर सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर होने वाली गतिविधि को सर्च इंजन ऑनलाइन ट्रैक कर रहा है। इसका ही नतीजा है कि हमारी सर्च हिस्ट्री या अधिकतर देखे जाने वाले कंटेंट के हिसाब से ही हमारे सामने कंटेंट परोसा जाता है। इसीलिए ज्यादा सतर्कता रखने की जरूरत है।
गलत रास्ते पर जाने का खतरा बढ़ गया
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि इंटरनेट से के चलते हमारे बच्चों की एडल्ट कंटेंट तक पहुंच आसान हो गई है। इस कारण उनके गलत रास्ते पर जाने का खतरा बढ़ गया है। एक वजह यह भी है कि किशोरों में हर चीज जानने की जिज्ञासा अधिक होती है। खास तौर पर पेरेंट्स, जिन चीजों को करने से मना करते हैं, उन्हें बच्चे ज्यादा करते हैं।