Char Dham Yatra 2024: देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ श्रद्धालु ऋषिकेश में 7 दिन से फंसे हुए हैं। वह देव दर्शन नहीं कर पा रहे। मंगलवार सुबह समाचार एजेंसी पीटीआई को दर्द बयां करते हुए बताया कि लाख 50 हजार रुपए खर्च करके आए हैं, लेकिन यहां यात्रा में नहीं जाने दिया जा रहा है।
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VIDEO | Uttarakhand: Pilgrims protest against the administration over mismanagement in Rishikesh during the ongoing Char Dham Yatra.
“I came here from Madhya Pradesh on May 15. It’s been five to six days. People who came later have already left for the yatra, however, we are… pic.twitter.com/VxqIIbwG6e
— Press Trust of India (@PTI_News) May 21, 2024
मध्य प्रदेश के एक श्रद्धालु ने बताया कि मैं 15 मई को आ गया था। छह दिन हो गए, जो लोग बाद में आए हैं, वह पहले यात्रा के लिए निकल गए। हम अब भी यहीं पड़े हैं। हमारे पास रुपए भी नहीं बचे। यहां आने में ही काफी रुपया खर्च कर दिया है।
महाराष्ट्र से आए तीर्थयात्री ने बताया कि 'प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। हम 15 तरीख को आ गया था। भोजन पानी, हर जगह रुपए खर्च कर रहे हैं। एक आदमी को पूरा धुमाने के लि 10 हजार रुपए दिया था, लेकिन जाने ही नहीं दिया जा रहा। छोटे छोटे बच्चे परेशान हैं।
इंदौर की महिला श्रद्धालु ने बताया कि 15 मई को निकले थे। परसों यहां आकर फार्म जमा किया, लेकिन बताया गया कि ऑफलाइन पंजीयन बंद हैं। लेकिन हमारे सामने ही कुछ लोग कल शाम को आए और रुपए देकर यात्रा में चले गए। हमारे रुपए समाप्त हो गए हैं, क्या करें?
ऑफलाइन पंजीयन 31 मई तक के लिए बंद
दरअसल, तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण चार धाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीयन 31 मई तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब उन्हीं श्रद्धालुओं को आगे यात्रा में जाने दिया जा रहा है, जिन्होंने ऑनलाइन पंजीयन पहले से करा रखा है। कुछ श्रद्धालु पंजीयन में मिली तारीख से पहले ही उत्तराखंड पहुंच जा रहे हैं। ऐसे में ज्यादा अव्यवस्था हो रही है।
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग जाने में लगे 12 घंटे
केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में सोमवार को श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। गुप्तकाशी से सोनप्रयाग की दूरी 24 किमी है, लेकिन तीर्थयात्री यह सफर 12 घंटे में भी पूरी नहीं कर पाए।