Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में साल 2025 का बजट पेश किया है। बजट स्पीच में वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की है। इस दौरान उन्होंने डीप टेक का भी जिक्र किया। मंत्री ने कहा कि डीप टेक (Deep Tech) का विस्तार किया जाएगा और भारत सरकार का इसे बूस्ट करने पर जोर रहेगा।
इस बीच कई लोग आसमंजस में है कि आखिर डीप टेक होता है क्या है और भारत सरकार इसपर जोर क्यों दे रही हैं। यदि आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो चिंता की बात नहीं। यहां हम आपको बताएंगे कि डीप होता है। आइए जानें...
क्या होता है डीप टेक?
डीप टेक (Deep Tech) को सरल भाषा में समझें तो है यह एक "गहन प्रौद्योगिकी" हैं। डीप टेक एक ऐसा शब्द है जो उन तकनीकों के बारें में बताता है, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, इंजीनियरिंग और नए विचारों पर आधारित होती हैं। इन तकनीकों का उद्देश्य मौजूदा समस्याओं का समाधान करना और नवाचारों को एक नए स्तर पर ले जाना है। डीप टेक तकनीकें अक्सर जटिल होती हैं और इनके विकास में लंबा समय और उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
डीप टेक में कुछ प्रमुख क्षेत्र जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग , बायोटेक्नोलॉजी , नैनोटेक्नोलॉजी , क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और ब्लॉकचेन शामिल हैं। इसके अधिकतर स्टार्टअप्स मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर काम करते हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), लाइफ साइंसेज, एग्रीकल्चर, एयरोस्पेस, केमिस्ट्री, इंडस्ट्री और क्लीन एनर्जी स्टार्टअप क्षेत्र भी शामिल हैं। डीप टेक के जरिए फसल निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, AI ड्रोन और AI रोबोट भी डीप टेक के अंदर ही आते हैं।
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बजट में डीप टेक सेक्टर को बूस्ट करने के लिए किए बड़े ऐलान
डीप टेक के लिए फंड ऑफ फंड्स
वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में डीप टेक स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर खासा फोकस किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स सेटअप करेगी। यह फंड निजी निवेशकों को लुभाने करने और डीप टेक रिसर्च को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
IIT और IISc के लिए टेक रिसर्च फेलोशिप
सरकार ने पीएम रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत, भारत में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता के साथ, IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और IISC (भारतीय विज्ञान संस्थान) में तकनीकी अनुसंधान के लिए अगले 5 वर्षों में 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
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रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए फंड
सरकार ने बजट 2025 में निजी क्षेत्रों में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) और इनोवेशन का विस्तार करने के लिए 20,000 करोड़ रुपए का फंड देने का ऐलान किया है। जिसका इस्तेमाल नई टेक्नोलॉजी के विकास, स्टार्टअप्स को फंडिंग और एडवांस वैज्ञानिक रिसर्च के लिए किया जाएगा।
नेशनल जियोस्पेशल मिशन
साथ ही, एफएम ने अपने बजट स्पीच के दौरान नेशनल जियोस्पेशल मिशन की भी घोषणा की है। इससेफंडामेंटल जियोस्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा डेवलपमेंट को बूस्ट किया जाएगा। इसके माध्यम से लैंड रिकॉर्ड्स, शहरी योजना (अर्बन प्लानिंग) और इंफ्रास्ट्रक्चर डिज़ाइन पर कार्य किया जाएगा।
शिक्षा में AI का उपयोग
सरकार ने एआई के विस्तार के लिए इस बार बजट में एजुकेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इंटीग्रेशन के लिए 500 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। इससे AI के इस्तेमाल से शिक्षा स्तर को और अधिक स्मार्ट और एडवांस बनाया जाएगा।
AI सेंटरों का विस्तार
सरकार ने कृषि, स्वास्थ्य सेवा और टिकाऊ शहरों में एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। बता देंस सरकार ने इस योजना की घोषणा 2023 में की थी, लेकिन अब इसे और आगे बढ़ाया जाएगा।