Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग करते हुए ढाका के बंगा भवन का घेराव (Protesters siege presidential palace) कर लिया है। इन विरोधों की शुरुआत जुलाई में नौकरी कोटे के खिलाफ हुई थी, लेकिन अब यह आंदोलन हसीना सरकार और राष्ट्रपति के खिलाफ सख्त मांगों में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति शाहाबुद्दीन हसीना सरकार के समर्थक(Crony of Hasina) हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
छात्रों की पांच सूत्रीय मांगें
इस आंदोलन का नेतृत्व एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट कर रहा है। मंगलवार को ढाका के केंद्रीय शहीद मीनार पर एक बड़ी रैली हुई, जिसमें छात्रों ने पांच सूत्रीय मांगों को रखा। (Anti-discrimination Student Movement) उनकी प्रमुख मांगों में 1972 के संविधान को समाप्त कर एक नया संविधान बनाने की बात है, जो 2024 की परिस्थिति को दर्शाए। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति के इस्तीफे और अवामी लीग के छात्र संगठन 'बांग्लादेश छत्र लीग' पर प्रतिबंध की भी मांग की है।
#WATCH | Dhaka: Protesters in Bangladesh sieged Banga Bhaban, the presidential palace, demanding the resignation of President Mohammed Shahabuddin, late last night
— ANI (@ANI) October 23, 2024
The army blocked them with the barricade after the protesters took a stand outside Banga Bhaban and started… pic.twitter.com/kqGb7ppcsN
हसीना सरकार पर लगाए आरोप
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हसीना सरकार ने पिछले चुनावों में धांधली की थी और यह सरकार अवैध रूप से सत्ता में बनी हुई थी। (Sheikh Hasina resignation) छात्रों ने 2014, 2018 और 2024 के चुनावों को अवैध करार देने की मांग की है। साथ ही, जिन सांसदों ने इन चुनावों में जीत हासिल की, उन्हें अयोग्य घोषित करने की बात भी रखी गई है।
प्रदर्शनकारियों का बंगा भवन की ओर मार्च
रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने बंगा भवन की ओर मार्च किया। सेना द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स के बावजूद, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के बाहर जमा हो गए। (Banga Bhaban protest) वहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और राष्ट्रपति को "हसीना सरकार का समर्थक" बताते हुए उनके तुरंत इस्तीफे की मांग की। यह प्रदर्शन दिन-ब-दिन उग्र होता जा रहा है, जिससे देश के राजनीतिक हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख
लगातार बढ़ते दबाव के बाद, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा (Hasina resignation) दे दिया। शेख हसीना ने भारत में शरण ली हैं। हसीना की जगह नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। यूनुस ने 8 अगस्त को कार्यभार संभाल लिया, और अब बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
देश में बढ़ता अस्थिरता का माहौल
बांग्लादेश में यह राजनीतिक संकट हर दिन गहराता जा रहा है। (Bangladesh political crisis) राष्ट्रपति भवन के बाहर जारी प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि देश में जल्द से जल्द बदलाव की मांग है। प्रदर्शनकारी देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने और अवैध रूप से सत्ता में बैठे लोगों को हटाने की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि यह आंदोलन किस दिशा में जाता है और बांग्लादेश का राजनीतिक भविष्य क्या होगा।