PM Modi Reply to Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को 4 दिन पहले (6 जून को) बधाई दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (10 जून) को ट्रूडो की बधाई का जबाव दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने रिप्लाई में लिखा- दोनों देशों को आपसी समझ और सम्मान से मिलकर काम करना चाहिए। यह भी एक संयोग है कि पीएम मोदी को ट्रूडो की बधाई पोस्ट का जवाब देने में चार दिन लग गए, जबकि उन्होंने अन्य वैश्विक नेताओं के शुभकामना संदेशों का तुरंत जवाब दिया था।
ट्रूडो ने 6 जून को पीएम मोदी को दी थी शुभकामनाएं
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जून को पीएम मोदी को शुभकामनाएं दी थीं। आम चुनावों में गठबंधन को 543 में से 294 सीटें हासिल हुईं। मोदी की जीत के बाद ट्रूडो ने ट्वीट किया- भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई। कनाडा मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन पर आधारित रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी ने दिया ट्रूडो के बधाई संदेश का रिप्लाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल पर जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश के रिप्लाई में लिखा- ''बधाई संदेश के लिए धन्यवाद। भारत आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति सम्मान के आधार पर कनाडा के साथ काम करने को उत्सुक है।''
Thank you @CanadianPM for the congratulatory message. India looks forward to working with Canada based on mutual understanding and respect for each others concerns. https://t.co/QQJFngoMyH
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2024
कनाडा ने आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा
दरअसल, खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या कनाडा में की गई थी, इसका आरोप वहां रहने वाले भारतीय एजेंट्स पर लगाया गया था। उसके बाद मई में कनाडा सरकार ने कहा था कि उसने निज्जर हत्या मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। सात महीने से अधिक वक्त गुजरने के बाद ट्रूडो ने भी दावा किया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट शामिल हो सकते हैं। तीनों भारतीय नागरिकों पर हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाया गया है। इस मामले में कुछ ही दिनों बाद चौथे भारतीय नागरिक को कनाडा में गिरफ्तार किया गया था। जबकि भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कहा कि ओटावा ने निज्जर की हत्या के संबंध में आज तक कोई भी सबूत या जानकारी साझा नहीं की है।
खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय राजनयिकों को दी थी धमकी
निज्जर हत्या के मामले में भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा कनाडा द्वारा खालिस्तानी समर्थक तत्वों को अपनी धरती से बेखौफ काम करने की इजाजत देना है। पिछले साल ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा भारतीय राजनयिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियां भी मिलने लगी थीं। भारत ने समानता सुनिश्चित करने के लिए ओटावा से भारत में अपनी राजनयिक मौजूदगी को कम करने के लिए कहा। जिसके बाद कनाडा ने 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला लिया था।