India US Defence Deal: भारतीय सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच 32,000 करोड़ रुपए के रक्षा सौदे पर मंगलवार (15 अक्टूबर) को हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस सौदे के तहत भारत 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा, साथ ही इन ड्रोन के लिए देश में मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल (MRO) की सुविधा भी स्थापित की जाएगी।
भारतीय नौसेना को मिलेंगे 15 ड्रोन
पिछले हफ्ते, कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी। इनमें 15 ड्रोन भारतीय नौसेना (Indian Navy) को मिलेंगे, जबकि बाकी ड्रोन को वायुसेना और सेना को एक समान मिलेगा। अमेरिका के साथ यह रक्षा सौदा विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
मंगलवार को सौदे पर हस्ताक्षर
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 को इस सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस मौके पर अमेरिका की सैन्य और कॉर्पोरेट अधिकारियों की एक टीम भी मौजूद रहेगी। भारतीय रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस महत्वपूर्ण हस्ताक्षर समारोह में हिस्सा लेंगे, जिनमें नौसेना प्रणालियों के संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक भी शामिल हैं।
लंबी चर्चा के बाद समझौता
भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका के साथ इस डील पर चर्चा कर रहा था। कुछ सप्ताह पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में सभी बाधाएं को हटा दी गईं और आखिरकार इस सौदे पर बात बन गई। यह सौदा 31 अक्टूबर से पहले किया जाना आवश्यक था।
चार महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात होंगे ड्रोन
इन 31 प्रीडेटर ड्रोन को देश के चार संभावित ठिकानों पर तैनात किया जाएगा, जिनमें INS राजाली (चेन्नई के पास), पोरबंदर (गुजरात), सरसावा और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। यह सौदा भारत की सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और भारतीय सशस्त्र बलों को नई तकनीक के साथ अपनी निगरानी और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा।