Japan Airlines Cyber Attack: जापान एयरलाइंस (JAL) गुरुवार(26) दिसंबर को साइबर अटैक का शिकार हो गया। अपराधियों ने एयरलाइंस का पूरा सिस्टम ही हैक कर लिया। एयरलाइंस का एक्सटर्नल और इंटरनल नेटवर्क ठप पड़ गया। कई नेशनलल और इंटरनेशनल उड़ानें प्रभावित हुईं। JAL ने साइबर अटैक होने की बात कबूल ली है। कंपनी ने साइबर अटैक के बाद पैसेंजर्स से अपडेट रहने की सलाह दी। जापान ब्राॅडकास्टर एनएचके( NHK) के मुताबिक इस साइबर अटैक के बाद कोई मास कैंसिलेशन नहीं हुआ है। वहीं, एनवाईटी( NYT) ने दावा किया है कि जापान के अलग अलग एयरपोर्ट्स से 40 से ज्यादा विमानों की उड़ानें रद्द की गई हैं।
जेएएल ने साइबर अटैक को लेकर क्या कहा?
जापान एयरलाइन्स ने साइबर अटैक की पुष्टि की है। एयरलाइंस ने कहा कि स्थानीय समयानुसार सुबह 7:24 बजे (2224 GMT) हम पर साइबर अटैक हुआ। इससे हमारे इंटरनल और एक्सटर्नल नेटवर्क प्रभावित हुए हैं। इसकी वजह से एक्सटर्नल सिस्टम (External System) से कनेक्ट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हमें ऐसा लग रहा है कि इसका असर घरेलू और इंटरनेशनल दोनों ही उड़ानों पर पड़ेगा। एयरलाइंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर यह जानकारी दी।जेएएल के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी (AFP) से बातचीत में कहा कि फिलहाल कैंसिलेशन को लेकर कोई अपडेट नहीं है।
अब जानें जापान के पांच बड़े साइबर अटैक के बारे में:
पहला मामला: टोयोटा पर भी हो चुका है साइबर अटैक
बता दें कि जापान एयरलाइंस, जापानी की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस है। जापान की सबसे बड़ी एयरलाइंस ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA) है। ऑल निप्पॉन एयरवेज ने कहा है कि फिलहाल हम पर साइबर हमलों का कोई असर नहीं है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है कि जब जापान की किसी बड़ी कंपनी को साइबर अपराधियों ने टारगेट किया है। इससे पहले 2022 में जापान की जानी मानी ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा पर भी साइबर अटैक हुआ था। इसकी वजह से कंपनी को अपने डोमेस्टिक प्लांट में एक दिन के लिए प्रोडक्शन रोकनी पड़ी थी। साथ ही इस हमले से पूरी तरह से उबरने में दो महीने से ज्यादा का समय लग गया था।
दूसरा मामला: जापानी एयर नेटवर्क पर दूसरा बड़ा हमला
जापान में जेएएल पहली ऐसी एयरलाइंस है जिसका सिस्टम हैक किया गया है। हालांकि, जापान के एयर नेटवर्क पर साइबर अटैक का यह दूसरा बड़ा हमला है। इसी साल 26 अगस्त को जापान के सिएटल-टैकोमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पूरा सिस्टम ही साइबर अपराधियों ने हैक कर लिया था। इस साइबर अटैक के बाद एयरपोर्ट की सभी सर्विसेज ठप पड़ गईं थी। फोन, ईमेल तक ने काम करना बंद कर दिया था। ग्राउड कंट्रोल रूम का पायलटों से संपर्क पूरी तरह से कट गया था। स्थिति को देखते हुए इस एयरपोर्ट से फ्लाइट्स ऑपरेशन्स रोक दी गई। कुछ फ्लाइट्स डायवर्ट कर दी गईं। एरलाइंस को मैन्युअली काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
तीसरा मामला: निकोनिको भी साइबर अटैक की चपेट में आया था
इस साल जून में जापान के लोकप्रिय वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म निकोनिको पर बड़ा साइबर अटैक हुआ था। इस अटैक में प्लेटफॉर्म के कई यूजर्स की निजी जानकारी और डेटा के लीक होने की आशंका जताई जा रही है। कंपनी ने हमले के बाद कहा था कि यह साइब अटैक बेहद आधुनिक (sophisticated) तकनीकों का इस्तेमाल करके किया गया। साइबर अपराधियों ने प्लेटफॉर्म का पूरा सर्वर हैक कर लिया था। निकोनिको ने यूजर्स को सतर्क रहने और अपने अकाउंट का पासवर्ड तुरंत बदलने की सलाह दी थी। कंपनी ने इसके बाद अपनी साइबर सिक्योरिटी को और मजबूत करने का भरोसा दिया था। सुरक्षा विशेषज्ञ तक हैकर्स का पता नहीं लगा सके हैं।
चौथा मामला: जपान के नागोया बंदरगाह पर रैंसमवेयर अटैक
जापान के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक नागोया बंदरगाह को 2024 में एक गंभीर रैंसमवेयर हमले का सामना करना पड़ा। इस साइबर हमले के कारण बंदरगाह का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। हैकर्स ने बंदरगाह के सिस्टम को लॉक कर दिया, जिससे शिपमेंट और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में रुकावट आ गई। अधिकारियों ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रभावित डेटा को पुनः प्राप्त करने और सिस्टम को बहाल करने के लिए आपातकालीन टीमें तैनात की गई हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ इस हमले के पीछे की पहचान और नुकसान के आकलन में जुटे हैं।
पांचवा मामला: जापान की अंतरिक्ष एजेंसी पर भी हो चुका है साइबर अटैक
2023 में जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA (Japan Aerospace Exploration Agency) पर भी साइबर अटैक हुआ था। इसके बाद जापान के सुरक्षा विशेषज्ञों ने अंतरिक्ष एजेंसी की साइबर सिक्योरिटी बढ़ा दी थी। इस अटैक के बाद साइबर एक्सपर्ट बेहद सतर्क हो गए, क्योंकि JAXA अंतरिक्ष अनुसंधान और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। हालांकि, एजेंसी ने स्पष्ट किया कि इस हमले में किसी भी संवेदनशील या सीक्रेट जानकारी लीक नहीं हुई। JAXA ने तुरंत अपने साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल एक्टिव कर दिए और घटना की जांच शुरू की।
किसने किया है ये साइबर हमला, क्यों होती है हैकिंग?
जापान एयरलाइंस पर किसने हमला किया है यह फिलहाल सामने नहीं आ सका है। सुरक्षा एजेंसियां और साइबर क्राइम एक्सपर्ट इस साइबर हमले की गुत्थियों को सुलझाने में जुटे हैं। आम तौर पर ऐसे हमले कुछ खास मकसद से किए जाते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि कभी दुश्मन देश भी आर्थिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से ऐसे साइबर अटैक करवा सकते हैं। वहीं, ज्यादातर मामलों में डेटा चोरी करने के लिए ऐसे साइबर अटैक को अंजाम दिया जाता है। साइबर अटैक से चुराई गई जानकारियों को हैकर्स डार्क वेब पर बेच देते हैं।