Maldives Parliament Fight Viral Video: मालदीव की संसद में रविवार को सांसदों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए 28 जनवरी को विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन यह सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सांसदों की लड़ाई की भेंट चढ़ गया। स्थानीय मीडिया ने इस पूरे घटनाक्रम को रिपोर्ट किया। सांसदों के बीच मारपीट और संघर्ष का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
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— Adhadhu (@AdhadhuMV) January 28, 2024
Parliament proceedings have been disrupted after clashes between PPM/PNC MPs and opposition MPs. pic.twitter.com/vhvfCBgQ1s
ऑनलाइन समाचार पोर्टल अदहदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू सरकार ने मंत्रियों की मंजूरी के लिए दोपहर 1:30 बजे सत्र बुलाया था। लेकिन कई मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) सदस्यों ने सदन की कार्यवाही बाधित की। प्रदर्शन कर रहे पीएनसी सदस्यों ने कहा कि कैबिनेट को मंजूरी देने से विकास में रुकावट आएगी। उन्होंने स्पीकर से इस्तीफा भी मांगा। सत्तारुढ़ दल और विपक्षी सांसदों के बीच संसद के भीतर संघर्ष काफी बढ़ गया। कुछ सांसदों को गंभीर चोट भी आई। इनके लिए पार्लियामेंट परिसर में एंम्बुलेंस बुलाई गई।
वायरल वीडियो में क्या है?
संसद में मारपीट के वीडियो में देखा जा सकता है कि एमडीपी सांसद ईसा और पीएनसी सांसद अब्दुल्लाह शहीम अब्दुल हकीम के बीच मारपीट हुई। शहीम ने ईसा की टांग पकड़ी और दोनों साथ गिरे, जबकि एक और वीडियो में ईसा ने शहीम की गर्दन में लात मारी और उनके बाल खींचे। इसी दौरान कुछ सांसद शहीम को संसद से बाहर धकेलते दिखाई दिए। एक अन्य वीडियो में जिस सांसद के बाल खींचे गए वह बाद में जाकर स्पीकर के कान में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाता दिखाई दिया।
ދާދިފަހުން އެމްޑީޕީ ދޫކޮށް ޕީއެންސީއަށް ބަދަލުވި މެމްބަރުން ރިޔާސަތުގައި އިންނެވި މަޖިލީހުގެ ރައީސް މުހައްމަދު އަސްލަމަށް ޖަލްސާ ކުރިއަށްގެންދިޔުމުގެ ފުރުސަތު ދީފައި ނުވޭ. މުޅި ތަޅުމުން އިވެނީ ދުންމާރީގެ އަޑު. pic.twitter.com/1yv0wCNEAP
— Adhadhu (@AdhadhuMV) January 28, 2024
एंटी इंडिया कैंपेन का विपक्ष ने किया था विरोध
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत विरोधी बयानों को लेकर विपक्षी दलों एमडीपी और डेमोक्रैट्स ने सरकार की कड़ी आलोचना की थी। एमडीपी ने मौजूदा सरकार के भारत से किनारा कर चीन की गोदी में बैठने को देश के विकास के लिए गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि विदेश नीति में बदलाव देश के दीर्घकालिक विकास के लिए 'अत्यंत हानिकारक' है। भारतीय समुद्र में संप्रभुता बनाए रखना मालदीव की सुरक्षा के लिए जरूरी है।