Myanmar Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के झटके पूरे देश के साथ-साथ थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में 10 किमी की गहराई पर था। यह भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:50 बजे आया, जिसके बाद लोग घरों से बाहर भागते नजर आए। भूकंप के दौरान की कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं।
रिक्टर स्केल पर 7.2 रही तीव्रता
Earthquake of magnitude 7.2 on the Richter scale hits Myanmar, says National Center for Seismology. pic.twitter.com/k0RQVKfbsZ
— ANI (@ANI) March 28, 2025
कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी दावा किया गया है कि भूकंप की तीव्रता 7-7 थी। अभी तक किसी के घायल होने या हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
भूकंप के तेज झटकों से इमारतें ढेर
7.7 magnitude earthquake in Myanmar, tremors felt in Laos, Thailand, India, china too.
— ray tio (@nahnah64) March 28, 2025
Scary shit, building fell in Thailand. pic.twitter.com/lMSp0rlto1
बैंकॉक का वीडियो
एक एक्स यूजर्स ने भूकंप के दौरान का वीडियो शेयर किया है। यूजर्स के मुताबिक यह वीडियो बैंकॉक का है, जिसमें घरों के ऊपर से पानी गिरते दिखाया गया है।
Whole Bangkok shook like Crazy! #Bangkok #earthquake pic.twitter.com/99v7ySZDGc
— Srushti Gopani (@DrSrushtiG) March 28, 2025
Close up video 📷 7.6 bangkok- myanmar earthquake pic.twitter.com/XGZnmZ8zc5
— 𝘚𝘸𝘦𝘵𝘩𝘢 𝘊𝘩𝘰𝘸𝘥𝘢𝘳𝘺 🎀 (@vibeofswetha) March 28, 2025
क्यों आता है भूकंप, भारत में ज्यादा खतरा कहां?
पृथ्वी की सतह 7 टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। यह प्लेट्स कई बार आपस में टकराती हैं। और कोने मुड़ जाने या फिर ज्यादा दबाव पड़ने से यह प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है। इसी डिस्टर्बेंस के चलते भूकंप आता है।
भूगर्भशास्त्रियों की मानें तो नेपाल से सटे किशनगंज में भूकंप का सर्वाधिक खतरा है। क्योंकि सिस्मिक जोन-05 में भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है। इसे भूकंपीय क्षेत्र भी कहते हैं। यहां रिक्टर स्केल 8 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है।

भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप के झटके महसूस होने पर सबसे पहले शांत हो जाएं, घबराएं नहीं और तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। अगर आप घर के अंदर हैं तो मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिप जाएं, अपने सिर और गर्दन को हाथों से सुरक्षित करें या 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक का पालन करें। खिड़कियों, शीशों और भारी फर्नीचर से दूर रहें क्योंकि ये टूटकर गिर सकते हैं।
वहीं, अगर बाहर हों तो खुले मैदान में जाएं और इमारतों, बिजली के खंभों व पेड़ों से दूर रहें। वाहन में होने पर गाड़ी रोककर खुले स्थान पर खड़े हो जाएं। भूकंप के बाद गैस लीकेज, बिजली के खुले तारों और क्षतिग्रस्त इमारतों से सावधान रहें तथा अफवाहों पर ध्यान न दें।