Pakistan On PoK:पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया। सरकारी वकील ने अदालत में स्वीकार किया कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बल्कि एक विदेशी क्षेत्र है। यह कबूलनामा उस वक्त सामने आया जब कश्मीरी शायर अहमद फरहाद के लापता होने के मामले की सुनवाई हो रही थी।
14 मई से लापता थे अहमद फरहाद
अहमद फरहाद, जो अपनी विद्रोही शायरी के लिए जाने जाते हैं, 14 मई को रावलपिंडी से लापता हो गए थे। उनकी पत्नी, उरूज जैनब, ने उनके लापता होने के एक दिन बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले को समाप्त करने से इंकार कर दिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फरहाद को पहले अदालत में पेश करें।
सरकारी वकील का चौंकाने वाला बयान
फेडरल प्रॉसिक्यूटर जनरल, जो इस्लामाबाद से अगवा कवि अहमद फरहाद का बचाव कर रहे थे, ने कोर्ट में कहा, "अहमद फरहाद को इस्लामाबाद कोर्ट के सामने पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि पीओके हमारा नहीं बल्कि एक विदेशी क्षेत्र है।" इस बयान ने अदालत को भी हैरान कर दिया। कोर्ट ने सवाल किया कि यदि पीओके विदेशी क्षेत्र है, तो पाकिस्तानी रेंजर्स वहां कैसे प्रवेश कर सकते हैं।
पाकिस्तानी पत्रकारों ने जताई नाराजगी
सरकारी वकील के इस बयान पर पाकिस्तानी पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई। एक पत्रकार ने लिखा, "सरकारी वकील का यह दावा आजाद कश्मीर की स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है। अगर आजाद कश्मीर हमारा नहीं है तो फिर पाकिस्तान के सैनिक वहां कैसे तैनात हो सकते हैं?"
State of Pakistan projecting AJK in a very negative perspective. They kidnapped a poet from Islamabad. They don’t have moral courage to admit the kidnapping and now they showed his arrest in AJK and told IHC that AJK is foreign territory. Means they have the authority of an… https://t.co/UoHavyXyva
— Hamid Mir حامد میر (@HamidMirPAK) May 31, 2024
7 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई
अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने बताया कि अहमद फरहाद पीओके पुलिस की हिरासत में हैं और उनके खिलाफ धीरकोट क्षेत्र में मामला दर्ज किया गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने मामले की सुनवाई करते हुए फरहाद को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई सात जून को होगी। जस्टिस कयानी ने कहा कि यह मामला तभी समाप्त होगा जब फरहाद को अदालत में पेश किया जाएगा।