Syria Coup: सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे और तख्तापलट के बाद विदेशी ताकतों का दखल बढ़ गया है। तुर्की, इजरायल और अमेरिका जैसे देश अपना दबदबा बढ़ाने में जुट गए हैं। तुर्की ने तो उत्तरी सीरिया के मनबिज इलाके पर कब्जा कर लिया है। तुर्की की रिबेल फोर्स ने कुर्दिश सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स (SDF) को हराते हुए यह इलाका अपने कब्जे में लिया। 2016 में ISIS को हराने के बाद SDF ने इस क्षेत्र पर कब्जा किया था। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन कहा कि अब इस इलाके से आतंकियों का सफाया हो गया है।
इजरायल ने दमिश्क पर दागी मिसाइलें
इजराइल ने राजधानी दमिश्क के पास 100 से ज्यादा मिसाइल हमले किए हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमले बरजाह साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के पास हुए, जिसे रासायनिक हथियारों का ठिकाना माना जा रहा है। इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी हमले की बात कबूल की है। गिदोन सार ने कहा कि इन हमलों का मकसद हथियार ठिकानों को नष्ट करना था। इजराइल को डर है कि ये हथियार विद्रोहियों के हाथ न लग जाएं।
अमेरिका ने ISIS के ठिकानों पर किए हवाई हमले
अमेरिका ने मध्य सीरिया में आतंकवादी संगठन ISIS के ठिकानों पर 75 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अनुसार, इन हमलों में B-52 बॉम्बर और F-15E फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया। इन हमलों में ISIS के कई लड़ाके मारे गए और उनके ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है। बता दें कि अमेरिका लंबे समय से आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ है। ऐसे में तख्तापलट के बाद अमेरिका ने इस इलाके पर हमला कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है।
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राष्ट्रपति बशर अल-असद ने छोड़ा देश
राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजनीतिक शरण दी है। विद्रोहियों के तख्तापलट के बाद नागरिक राष्ट्रपति भवन में घुस गए और वहां लूटपाट की। दमिश्क की सड़कों पर विद्रोही जश्न मनाते नजर आए। इसके साथ ही राष्ट्रपति असद के पिता की मूर्तियों को तोड़ दिया गया। इन मूर्तियों को विद्रोहियों ने गाड़ी से बांधकर दमिश्क की सड़कों पर घसीटा।
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सीरिया में विद्रोहियों ने आम लोगों से किए वादे
राष्ट्रपति असद को अपदस्थ करने वाले हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के विद्रोहियों ने महिलाओं पर किसी धार्मिक ड्रेस कोड को थोपने से इनकार किया है। HTS ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देने का वादा किया है। विद्रोही संगठन ने कहा है कि यह सीरिया के आम लोगों की जीवनशैली में किसी भी तरह का दखल नहीं देगा। लोग अपनी मर्जी से जी सकेंगे। वहीं, दूसरी ओर ब्रिटेन भी इस संगठन को आतंकी सूची से हटाने पर विचार कर रहा है।