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Mahakumbh Se Ghar Lekar Aane Vali Cheeje: आज 2 फरवरी 2025, रविवार को बसंत पंचमी है। आज ही के दिन महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान भी किया जाना है। यदि आप महाकुंभ जा रहे हैं, तो वहां अमृत स्नान तो अवश्य करें ही लेकिन साथ में वहां से कुल 4 चीजें अवश्य लेकर आवें। ये 4 चीजें मां लक्ष्मी का आशीर्वाद होती है। चलिए जानते है उनके बारे में-

Mahakumbh 2025: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में अभी दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम यानी महाकुंभ चल रहा है। देशभर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। अमीर, गरीब से लेकर साधु-सन्यासी, सभी 144 साल बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाकुंभ में स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। ...और यदि अमृत स्नान किया जाए तो यह और भी अधिक प्रभावशाली और पुण्यकारी होता है। 

आज 2 फरवरी 2025, रविवार को बसंत पंचमी है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। आज ही के दिन महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान भी किया जाना है। महाकुंभ अमृत स्नान और बसंत पंचमी का यह संयोग सुख-समृद्धि लेकर आया है। इसलिए यदि आप महाकुंभ जा रहे हैं, तो वहां अमृत स्नान तो अवश्य करें ही लेकिन साथ में वहां से कुल 4 चीजें अवश्य लेकर आवें। ये 4 चीजें मां लक्ष्मी का आशीर्वाद होती है। चलिए जानते है उनके बारे में- 

महाकुंभ से कौन सी चीजें लेकर आनी चाहिए?

- गंगाजल: महाकुंभ स्नान के पश्चात आप प्रयागराज से वापसी के वक्त गंगा-यमुना के संगम से लिया गया गंगाजल अवश्य अपने घर लाएं। आप इस जल को प्लास्टिक की बोतल अथवा केन में भरकर ला सकते हैं। इसे लाकर घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, इससे परिवार पर मां गंगा की कृपा सदैव बनी रहेगी। 

- शिवलिंग: महाकुंभ स्नान के पश्चात आप प्रयागराज से वापसी के वक्त छोटे साइज वाला शिवलिंग खरीदकर ला सकते है। उसे गंगाजल से स्नान करवाएं और फिर स्वच्छ कपड़ें में लपेटकर घर ले आएं। इसके पश्चात घर के मंदिर में स्थापित कर दें, इससे घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। 

- रुद्राक्ष: महाकुंभ स्नान के पश्चात आप प्रयागराज से वापसी के वक्त रुद्राक्ष खरीद कर ला सकते हैं। इसके पश्चात उसे घर पर ले आएं गंगाजल से शुद्ध करके घर के मंदिर में भगवान शिव के चरणों में स्थापित कर दें। इसके बाद इसे धारण करें, इससे अकाल मृत्यु पर विजय प्राप्त होती है। 

- मिट्टी: महाकुंभ की मिट्टी को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि, महाकुंभ के दौरान स्वर्ग से देवी-देवता भी संत-महात्माओं का रूप धारण कर प्रयागराज पहुंचे है। इसलिए संत रूपी देवताओं की रज यानी मिट्टी को घर लाकर मंदिर में रखने से कष्टों का निवारण होता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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