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Popcorn Tax: नमकीन और मीठे पॉपकॉर्न पर अलग-अलग जीएसटी लगाने पर कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि जीएसटी सिस्टम अव्यवस्थित और बेतुका है। इसे बदला जाना चाहिए।

Popcorn Tax: जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक के बाद पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स स्लैब काे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नमकीन और मीठे पॉपकॉर्न पर अलग-अलग जीएसटी स्लैब का ऐलान किया है। नमकीन पॉपकॉर्न पर 5% और कैरामेल पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी लगाने का फैसला लिया है। कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल उठाया है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोला है। जानें, क्या है पूरा मामला।

इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया में छिड़ी बहस
कांग्रेस ने कैरेमल पॉपकॉर्न जीएसटी (Popcorn Tax) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि जीएसटी सिस्टम अव्यवस्थित और बेतुका है। सरकार को इसे सरल बनाना चाहिए। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पॉपर्कन पर अलग अलग टैक्स लगाने को लेकर जो जवाब दिया है, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस छिड़ गई है।

'नमकीन' और 'मीठे' पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स
बीते शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह तय हुआ कि नमकीन पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगेगा। प्री-पैक्ड और लेबल वाले नमकीन पॉपकॉर्न पर 12% टैक्स लागू होगा। अगर इसमें कैरामेलाइज्ड शुगर मिलाई जाती है, तो यह 'शुगर कन्फेक्शनरी' श्रेणी में आ जाएगा और इस पर 18% जीएसटी लगेगा। वित्त मंत्री ने साफ किया कि चीनी के इस्तेमाल से प्रोडक्ट का पूरा स्वरूप बदल जाता है, यही वजह है कि ऐसे उत्पादों पर लगने वाली टैक्स रेट भी बदल जाती है।

सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री का बयान वायरल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नए जीएसटी टैक्स स्लैब पर दिया गया जवाब वायरल हो रहा है। यूजर्स इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सीतारमण वीडियो में कह रही हैं कि नमकीन पॉपकॉर्न और चीनी से बने पॉपकॉर्न में अंतर है। नमकीन पॉपकॉर्न को 'नमकीन' की श्रेणी में रखा गया है, जबकि चीनी से बना पॉपकॉर्न 'शुगर कन्फेक्शनरी' है। वित्त मंत्री ने भी कहा कि यह नियम सिर्फ पॉपकॉर्न पर ही नहीं, बल्कि सभी चीनी-युक्त उत्पादों पर लागू होता है।

कांग्रेस ने कहा- जीएसटी प्रणाली जटिल और बेतुकी
कांग्रेस ने इस पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जीएसटी की जटिल प्रणाली अब आम जनता को भ्रमित कर रही है। जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जीएसटी प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी चोरी और फर्जी कंपनियों की बढ़ती तादाद इस प्रणाली की खामियों को उजागर कर रही है।

क्या मोदी सरकार करेगी जीएसटी 2.0 पर विचार?
कांग्रेस ने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या वह जीएसटी 2.0 जैसा बड़ा सुधार लाने का साहस करेगी? जयराम रमेश ने कहा कि पॉपकॉर्न जैसे छोटे मुद्दों पर इतनी गहराई में जाने के बजाय सरकार को पूरी प्रणाली में सुधार करना चाहिए। मौजूदा जीएसटी सिस्टम से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान हो रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

जीएसटी विवाद ने फिर खड़े किए गंभीर सवाल
पॉपकॉर्न पर टैक्स के इस विवाद ने जीएसटी प्रणाली की जटिलता को लेकर फिर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अलग-अलग टैक्स रेट उपभोक्ताओं को कंफ्यूज करती हैं। वहीं, विपक्ष का कहना है कि सरकार को जीएसटी काउंसिल के फैसलों को आसान और स्पष्ट बनाना चाहिए। यह टैक्स सिस्टम ऐसी होनी चाहिए जिससे यह आम जनता और व्यापारियों को फायदा हो।

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