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Meta Description: एसबीआई ने सोमवार  15 जुलाई से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। एमसीएलआर में 5 से 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि हुई है। जानिए किस तरह एसबीआई ग्राहकों पर पड़ेगा इसका असर।

SBI Rate Hike: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार  15 जुलाई को अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। एसबीआई ने विभिन्न लोन प्रोडक्ट्स पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। बढ़ी हुई ब्याज दरें आज से ही प्रभावी हो गई हैं। इससे एसबीआई के ग्राहकों को लोन पर अधिक ब्याज देना पड़ेगा। इसका सीधा सीधा असर लोन की किश्त यानी कि EMI भरने वाले कस्टमर्स पर पड़ेगा। 

एमसीएलआर दरों में वृद्धि  (MCLR Hike)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, बैंक ने अपनी एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स) में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत एमसीएलआर को 5 से 10 बेसिस पॉइंट्स तक बढ़ाया गया है। यानी एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत से 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह परिवर्तन 15 जुलाई से लागू हो गए हैं।

ईएमआई (EMI ) का बोझ बढ़ेगा
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई अपने ग्राहकों की संख्या के मामले में अब भी सबसे आगे है। एसबीआई द्वारा एमसीएलआर में की गई वृद्धि के कारण इसके विभिन्न लोन प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं। इसके चलते लाखों ग्राहकों पर ब्याज का बोझ बढ़ सकता है। अब ग्राहकों को अलग अलग प्रकार के ऋण की ज्यादा किश्त चुकानी होगी। आसान शब्दों में कहें तो अब एसबीआई से लोन लेने वाले लोगों को ज्यादा ईएमआई भरना होगा।

एसबीआई ने इन दरों में वृद्धि की (Loan Tenure Rates)

  • एक माह के लोन के लिए एमसीएलआर में 5 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 8.35 प्रतिशत कर दिया गया।
  • तीन माह के लोन के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 8.4 प्रतिशत कर दिया गया।
  • छह माह के लोन के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 8.75 प्रतिशत कर दिया गया।
  • एक साल के लोन के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 8.85 प्रतिशत कर दिया गया।
  • दो साल के लोन के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 8.95 प्रतिशत कर दिया गया।
  • तीन साल के लोन के लिए एमसीएलआर में 5 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर इसे 9 प्रतिशत कर दिया गया।

होम लोन ग्राहकों को राहत (Home Loan Relief)
एमसीएलआर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स वे दरें होती हैं जिनके नीचे बैंक ब्याज नहीं देते। यानी, बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन उत्पादों की ब्याज दरें एमसीएलआर दरों से अधिक होती हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि एमसीएलआर में हुई वृद्धि का एसबीआई के होम लोन ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा। एसबीआई के होम लोन ब्याज दरें बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स पर आधारित होती हैं। एसबीआई ने फिलहाल ईबीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है।

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