My 11 Circle: भोपाल में माय इलेवन सर्किल (My 11 Circle) पर जीते गए इनाम को लेकर विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। विजेता और उसके दावेदार दोस्त के बीच समझौता नहीं हो पाया। दोनों के मामले में बैंक और पुलिस भी उलझ गई है। पुलिस की सूचना पर खाते में आई इनाम की राशि को बैंक ने होल्ड कर दिया है। विजेता वेदप्रकाश रघुवंशी अब पैसे नहीं निकाल पा रहा है। रघुवंशी कुछ पैसे देकर मामले को शांत करना चाहता है लेकिन राकेश मानने को तैयार नहीं है। कह रहा है कि पूरे इनाम उसका है। मामला कहां पहुंचा? कितने पैसे आए? इनाम का असली हकदार कौन है? पुलिस और बैंक की क्या भूमिका है? यहां विस्तार से जानिए A टू Z पूरा मामला।
8 अक्टूबर को मोबाइल पर बनाई थी टीम
कटारा हिल्स निवासी हाउसकीपिंग सुपरवाइजर वेदप्रकाश रघुवंशी ने हरिभूमि से पूरे मामले को साझा किया। वेदप्रकाश ने बताया कि 8 अक्टूबर वो और सिक्योरिटी गार्ड राकेश भगत बैठे थे। तभी राकेश ने वेद प्रकाश का मोबाइल मांगा। मोबाइल पर माय इलेवन सर्किल app खोला। राकेश ने महिला टी-20 वर्ल्ड कप के ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड वाले मैच में टीम बनाई। वेदप्रकाश के अकाउंट से 49 रुपए कट गए। वेद प्रकाश ने कहा भी कि तुम मेरे मोबाइल से क्यों खेल रहे हो। पैसे भी कट गए। राकेश बोला कि मैं काफी समय से खेल रहा हूं लेकिन आज तक नहीं जीता। तुम्हारे मोबाइल से लगाया है, देखते हैं क्या होगा। मोबाइल वेदप्रकाश का। ऐप पर सारे दस्तावेज और डिटेल्स वेद प्रकाश की। बस राकेश ने टीम बनाकर खेला।
इनाम जीतने के बाद शुरू हुआ विवाद
वेदप्रकाश के मोबाइल पर राकेश ने कई टीम बनाई। जैसे ही मैच खत्म हुआ तो winning points मिले। वेद प्रकाश कुछ समझ नहीं पाया। दूसरे दिन उसने राकेश को मोबाइल पर आए मैसेज को दिखाया। राकेश ने देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। राकेश ने कहा कि मैंने 5 लाख रुपए और TATA SUV कार जीती है। राकेश ने तुरंत स्क्रीनशॉट लेकर अपने WhatsApp पर डाल लिया। वेदप्रकाश भी खुश हो गया। राकेश ने वेद प्रकाश का मोबाइल मांगा। वेद प्रकाश ने देने से मना किया तो दोनों के बीच विवाद होने लगा। वेदप्रकाश बोला कि मोबाइल मेरा, पैसे मेरे, डिटेल्स मेरी तो पैसा भी मेरा है। राकेश ने कहा कि खेला तो मैंने है? जीता भी मैं हूं। इनाम भी मेरा है। इनाम को लेकर दोनों के बीच बहस हुई वेदप्रकाश वहां से चला गया।
खाते में आए 2.40 लाख, लेकिन होल्ड
वेद प्रकाश ने बताया कि दूसरे दिन 'माय इलेवन सर्किल' से उसके पास फोन आया। Account Verification के बाद उन्होंने 2 लाख 40 हजार रुपए मेरे अकाउंट में डाल दिया। फोन करने वाले ने कई दस्तावेज और डिटेल्स मांगी और कहा कि TATA SUV कार का रजिस्ट्रेशन आपके नाम पर हो रहा है। एक दिन बाद कार यहां से चल देगी। वेदप्रकाश खुशी से फूले नहीं समा रहा था कि तभी उसे राकेश मिल गया। राकेश को देखकर वेदप्रकाश मायूस हो गया। 'इनाम मेरा है' कहकर राकेश फिर वेद प्रकाश से विवाद करने लगा।
वेद प्रकाश आधे पर तैयार लेकिन राकेश कर रहा विवाद
वेद प्रकाश ने कहा विवाद मत करो। हम दोनों गरीब हैं। आपस में बंटवारा कर लेते हैं। राकेश सुनने को तैयार नहीं था। इनाम पर सिर्फ उसका हक इस बात पर अड़ा था। वेद प्रकाश का दावा है कि राकेश ने उसके साथ मारपीट की और मोबाइल पटक कर तोड़ दिया। इसके बाद बागसेवनिया थाना गया और फ्रॉड होने की बात कहकर खाता में आई इनाम की राशि को होल्ड करवा दिया। वेदप्रकाश और उसकी पत्नी ने पुलिस को पूरी बात बताई। लेकिन अभी तक बैंक में आई इनाम की राशि वेद प्रकाश को नहीं मिली है। वेद प्रकाश का कहना है कि SUV कार कहां पहुंची मुझे जानकारी नहीं है। क्योंकि उसका मोबाइल टूट गया है। वेद प्रकाश ने यह तक कहा कि वो लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहता। राकेश के साथ इनाम की राशि बांटने को भी तैयार है। लेकिन राकेश उसकी बात नहीं सुन रहा। हरिभूमि ने राकेश से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।
अभी तक शिकायती आवेदन नहीं दिया
बागसेवनिया थाने के टीआई अमित सोनी का कहना है कि दोनों पक्ष आए थे। दोनों के बीच किसी ऑनलाइन गेम में जीती गई राशि को लेकर विवाद था। हमने दोनों पक्षों से आवेदन देने को कहा था। अभी तक आवेदन नहीं दिया गया। फ्रॉड होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर खाते में आई राशि को बैंक से कहकर होल्ड करवा दिया है। अगर दोनों पक्ष आवेदन देते हैं तो शिकायती पत्र में दिए गए तथ्यों के हिसाब से पुलिस कार्रवाई करेगी। अगर मामला अपराध की श्रेणी में आता है तो FIR दर्ज की जाएगी।
जानें कौन है इनाम का असली हकदार
हरिभूमि ने भोपाल के साइबर क्राइम AIG वैभव श्रीवास्तव को पूरा मामला बताया और इनाम का असली हकदार जानना चाहा। AIG वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि प्रथम दृष्टया इसमें लेनदेन का विवाद प्रतीत होता है। कानून की दृष्टि से दस्तावेजी साक्ष्य ही प्राथमिक आधार होंगे।
Disclaimer: यह खबर सिर्फ जानकारी के लिए बनाई गई है। इस तरह के फैंटेसी गेम में वित्तीय जोखिम और लत लगना स्वाभाविक है। जिम्मेदारी से खेलें। haribhoomi.com ऐसे खेलों को न बढ़ावा देता है, न ही हार-जीत को लेकर कोई सलाह-मशवरा साझा करता है।