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Parenting Tips: बहुत से पैरेंट्स बच्चे के जरूरत से ज्यादा शरारती होने से परेशान होते हैं। ऐसे में कुछ पैरेंटिंग टिप्स न सिर्फ इस समस्या से निजात दिला सकते हैं, बल्कि बच्चों को कुछ नया सीखने को प्रेरित भी कर सकते हैं।

Parenting Tips: बच्चे तो बच्चे होते हैं, थोड़ी बहुत शरारतें तो करते ही हैं। लेकिन कभी-कभी ये शरारतें इतनी बढ़ जाती हैं कि माता-पिता परेशान हो जाते हैं। कई बार बच्चों की ये शरारतें दूसरों या फिर खुद को नुकसान पहुंचाने वाली होने लगती हैं। अगर आप भी अपने बच्चे की शरारतों से परेशान हैं तो चिंता न करें। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की शरारतों पर काबू पा सकते हैं।

कुछ पैरेंटिंग टिप्स आपके काफी काम आ सकते हैं। इनकी मदद से न सिर्फ बच्चों की शरारतें काबू में आने लगेंगी, बल्कि बच्चे अनुशासन में रहने के साथ कुछ नया सीखने को भी प्रेरित होंगे। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ पैरेंटिंग टिप्स के बारे में जो बच्चों में बड़ा बदलाव लाने में मददगार हो सकते हैं। 

बच्चों की शरारतों से निपटने के प्रभावी तरीके:

समझदारी से बात करें: बच्चे को शांत होकर समझाएं कि वह जो कर रहा है वह गलत है। उसे बताएं कि उसके इस व्यवहार से आपको या दूसरों को कैसा लगता है। उसे अपनी बात कहने का मौका दें ताकि आप उसकी भावनाओं को समझ सकें।

ध्यान आकर्षित करें: बच्चे को कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित करें जो उसे पसंद हो। जैसे कि कोई खेल खेलना, ड्राइंग करना या किताब पढ़ना। इससे उसका ध्यान शरारतों से हटकर किसी और चीज पर जाएगा।

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सकारात्मक प्रोत्साहन दें: जब आपका बच्चा कोई अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ करें। उसे कोई छोटा सा इनाम दें। इससे उसे प्रोत्साहन मिलेगा और वह अच्छे काम करने के लिए प्रेरित होगा।

नियम बनाएं: घर में कुछ नियम बनाएं और उनका पालन करना जरूरी बताएं। नियमों को बहुत सख्त न बनाएं, लेकिन इतने स्पष्ट जरूर हो कि बच्चा उन्हें आसानी से समझ सके।

समय सीमा निर्धारित करें: बच्चे को कोई काम करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें। जैसे कि खिलौने खेलने के बाद उन्हें उठाकर रखना। इससे बच्चे में समय का महत्व समझने की क्षमता विकसित होगी।

उदाहरण पेश करें: आप खुद भी बच्चे के सामने अच्छे व्यवहार का उदाहरण पेश करें। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा शांत रहे तो आपको भी शांत रहना होगा।

धैर्य रखें: बच्चों को अनुशासित करना एक लंबी प्रक्रिया है। आपको धैर्य रखना होगा और लगातार प्रयास करते रहना होगा।

शारीरिक दंड देने से बचें: शारीरिक दंड बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके बजाय आप उन्हें समझाएं और सजा दें।

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कुछ अतिरिक्त सुझाव

बच्चे की उम्र के अनुसार नियम बनाएं: छोटे बच्चों के लिए नियम बहुत सरल होने चाहिए, जबकि बड़े बच्चों के लिए नियम थोड़े जटिल हो सकते हैं।
बच्चे की रुचियों का ध्यान रखें: बच्चों की रुचियों को समझकर उनके लिए गतिविधियां आयोजित करें।
अन्य लोगों से बात करें: अगर आपको अपने बच्चे की शरारतों से निपटने में कोई समस्या आ रही है तो आप किसी मनोवैज्ञानिक या शिक्षक से बात कर सकते हैं।

याद रखें
हर बच्चा अलग होता है और हर बच्चे को अलग तरीके से समझने की जरूरत होती है। इसलिए आपको अपने बच्चे के व्यवहार को ध्यान से समझना होगा और उसके अनुसार ही उसके साथ व्यवहार करना होगा।

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