Health Tips : काम का प्रेशर हो, पारिवारिक जिम्मेदारियां या फिर रोजमर्रा की छोटी-छोटी समस्याएं...तनाव हर जगह मौजूद है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका सरल समाधान आपकी सांसों में छिपा है? जी हां, प्राणायाम एक ऐसा तरीका है जो न सिर्फ आपके मन को शांत करता है, बल्कि आपके शरीर को भी ऊर्जा और सुकूनभरा बनाता है।
तनावमुक्त रहने में कैसे मदद करता है प्राणायाम?
सांसों पर नियंत्रण
तनाव के समय हमारी सांसें तेज़ और अनियमित हो जाती हैं। प्राणायाम के माध्यम से हम अपनी सांसों को धीमा और नियमित कर सकते हैं, जो हमारे दिमाग को शांत करता है।
ऑक्सीजन को बेहतर करता है
प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे हमारी मांसपेशियों और दिमाग को आराम मिलता है।
हॉर्मोन संतुलन
तनाव के समय कोर्टिसोल नामक हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। प्राणायाम इस हॉर्मोन को नियंत्रित कर हमें शांत और खुशमिजाज बनाए रखता है।
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प्राणायाम की आसान विधियां
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- दाएं नथुने को बंद करें और बाएं से सांस लें।
- बाएं को बंद कर दाएं से सांस छोड़ें।
- इसे 5-10 मिनट तक करें।
- यह आपके मानसिक संतुलन को बेहतर करता है।
भ्रामरी प्राणायाम
- आंखें बंद करके गहरी सांस लें।
- फिर हल्की "गूं" की आवाज़ के साथ सांस छोड़ें।
- यह प्राणायाम मानसिक शांति के लिए बेहद कारगर है।
कपालभाति प्राणायाम
- नाक से तेजी से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें।
- यह प्राणायाम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
(Disclaimer) : तनावमुक्त और सुकूनभरा दिन बिताने के लिए प्राणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। हालांकि, य़े लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपके स्वास्थ्य में किसी प्रकार की दिक्कत है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।