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Radish Plantation: सर्दियों में बाजार में मूली की बहार आ जाती है। आप चाहें तो घर में भी मूली उगाकर खा सकते हैं। इसके लिए कुछ गार्डनिंग टिप्स आपके काम आ सकते हैं।

Radish Plantation: मूली सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है और सर्दियों में इसकी बाजार में आवक शुरू हो जाती है। दरअसल, मूली उगाने के लिए विंटर सीजन बेहद मुफीद होता है और सर्दी के मौसम में मूली तेजी से बढ़ती है। अक्सर लोग मार्केट से मूली खरीदते हैं, लेकिन आप चाहें तो ताजी मूली का लुत्फ घर में भी उठा सकते हैं। बागवानी का शौक रखने वाले लोग घर पर आसानी से मूली उगा सकते हैं। 

मूली उगाने के लिए घर का आंगन या गमला दोनों ही कारगर हो सकता है। मूली गमले में भी आसानी से उगाई जा सकती है। आप अगर एक बार ये प्रयोग करना चाहते हैं तो हमारी बताई टिप्स आपके काम आ सकती हैं। 

गमले में मूली कैसे उगाएं?

आवश्यक सामग्री
गमला (कम से कम 12 इंच गहरा)
मूली के बीज
अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी
खाद
पानी का छिड़काव करने वाला यंत्र

मूली उगाने के विभिन्न चरण

गमले की तैयारी: गमले में नीचे की तरफ छेद होने चाहिए ताकि पानी निकल सके। गमले को अच्छी तरह से धो लें। गमले को मिट्टी और खाद के मिश्रण से भर दें। मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए।

बीज बोना: मिट्टी में उंगली से छोटे-छोटे गड्ढे बनाएं। प्रत्येक गड्ढे में 2-3 बीज डालें और मिट्टी से ढक दें। बीजों को हल्का सा दबा दें।

पानी देना: मिट्टी को हल्का नम रखें। रोजाना सुबह या शाम को पानी का छिड़काव करें।

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धूप: मूली के पौधे को धूप की जरूरत होती है। इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां उसे कम से कम 6 घंटे की धूप मिले।

खाद देना: हर 15 दिन में एक बार जैविक खाद दें।

निराई: पौधों के आसपास उगने वाले खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहें।

कटाई: मूली 4-6 हफ्तों में तैयार हो जाती है। जब मूली का आकार बढ़ जाए तो आप इसे तोड़कर खा सकते हैं।

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कुछ अतिरिक्त टिप्स
मूली को उगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है।
आप विभिन्न प्रकार की मूली के बीज खरीद सकते हैं जैसे कि लाल मूली, सफेद मूली आदि।
अगर आप मूली को जल्दी तैयार करना चाहते हैं तो आप बीज को पानी में 24 घंटे के लिए भिगोकर रख सकते हैं।
मूली को ज्यादा पानी देने से सड़ सकती है। इसलिए ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा नम ही रहे, गीली नहीं।

ध्यान रखें
मूली के पौधे पर कीड़े लग सकते हैं। आप नीम का तेल या अन्य जैविक कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आपके पौधे सूख रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पानी की कमी है।
अगर आपके पौधों की पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पोषक तत्वों की कमी है।

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