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Health Tips: आजकल देर रात तक जागना जैसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। कभी ऑफिस के काम की वजह से तो कभी मोबाइल चलाने के कारण, लेकिन ये आदत आपकी सेहत को पूरी तरह से खराब कर रही है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो रोजाना रात के 12-1 बजे तक जागते हैं और सोचते हैं कि "कोई बात नहीं, सुबह देर से सो लेंगे", तो जरा रुकिए। क्योंकि देर से सोना और देर से उठना आपकी सेहत के लिए उतना फायदेमंद नहीं है। जितना समय पर सोकर पूरी नींद लेना है।

देर से जागने के नुकसान

  • नींद पूरी न होने का असर सिर्फ थकान या आलस्य तक सीमित नहीं है। धीरे-धीरे इसका असर इम्युनिटी, पाचन, और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
  • लगातार नींद में कटौती करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है।
  • देर रात तक जागने से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है।
  • नींद पूरी न होने से चिड़चिड़ापन, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
  • डार्क सर्कल्स, पिंपल्स की दिक्कत का सामना करना पढ़ सकता है। 

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कितनी नींद लेना जरूरी है?

  • रात 10 से 11 बजे के बीच सोने की कोशिश करें।
  • सोने से 30 मिनट पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी बंद कर दें।
  • सोने से पहले हल्का गुनगुना दूध या हर्बल टी ले सकते हैं।
  • सोने वाली जगह पर हल्की रोशनी और शांत वातावरण रखें।

रात में देर से जागने की आदत कैसे छोड़ें?

  • धीरे-धीरे सोने का समय हर दिन 15-20 मिनट पहले करें।
  • दिनभर में एक बार फिजिकल एक्टिविटी करना न भूलें। 
  • मन को शांत रखने के लिए किताब पढ़ें या फिर मेडिटेशन करें।

(Disclaimer): यह लेख सामान्य स्वास्थ्य जानकारी पर आधारित है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, यदि आपको नींद से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है या लगातार थकान, तनाव या अन्य स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें रहती हैं तो कृपया किसी योग्य डॉक्टर से सलाह जरूर लें।