Raw Turmeric Benefits: हल्दी भारतीय रसोई का अभिन्न अंग होने के साथ-साथ एक अत्यंत प्रभावी औषधीय जड़ी-बूटी भी है। आयुर्वेद में इसे हजारों वर्षों से औषधि के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। विशेष रूप से कच्ची हल्दी, जिसे हरिद्रा के नाम से भी जाना जाता है, अनेक रोगों के उपचार में सहायक होती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक होता है, जो इसे अत्यधिक औषधीय गुण प्रदान करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ को संतुलित करने की क्षमता रखती है। बहुत कम ऐसी जड़ी-बूटियां होती हैं, जो शरीर के तीनों दोषों को नियंत्रित कर सकें, और हल्दी उनमें से एक है। इसलिए हल्दी को 'त्रिदोष नाशक' कहा जाता है। हल्दी एक गुणकारी जड़ी-बूटी है, जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ अनेक रोगों के उपचार में भी कारगर होती है।
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त्रिदोष को करती है दूर
आयुर्वेद में हल्दी को 'त्रिदोष नाशक' माना गया है। बहुत कम ऐसी चीजें होती हैं, जिनमें वात, पित्त और कफ को संतुलित करने की क्षमता होती है। हल्दी कुछ गिनी-चुनी औषधियों में से है, जिसमें इन तीनों को संतुलित करने का गुण पाया जाता है। इसलिए हल्दी को त्रिदोष नाशक कहा जाता है।
बता दें कि यह भारतीय रसोई के सबसे लोकप्रिय मसालों में से एक है। लेकिन यह एक प्रभावी जड़ी-बूटी भी है। कच्ची हल्दी को हरिद्रा के नाम से भी जाना जाता है। इसे जड़ी-बूटी की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक एक ऐसा सक्रिय यौगिक होता है, जिसमें जबरदस्त औषधीय गुण होते हैं। इसलिए हल्दी का प्राचीनकाल से आयुर्वेद में महत्वपूर्ण औषधि के रूप में उपयोग होता रहा है।
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ऐसे भी कर सकते हैं उपयोग
- जब आप बहुत थके हों तो हल्दी के पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर पी लेने से थकान दूर हो जाती है।
- रोजाना हल्दी के उबटन को लगाने से त्वचा में निखार और मुंहासों से राहत मिलती है।
- सर्दी-जुकाम में अदरक, तुलसी और शहद के साथ हल्दी का इस्तेमाल करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- हल्दी के सेवन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।