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आज ऑटिज्म के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन भारत में इसके मामले भी तेजी के साथ बढ़े हैं। जो चिंता बढ़ाते हैं। साल 2021 में Indian Journal of Pediatrics में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, देश में हर 68 बच्चों में से एक बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित है।

World Autism Awareness Day 2024: देश भर में हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है। यह एक दिमागी बीमारी है, जो ज्यादातर बच्चों में होती है। बता दें, जब बच्चा छोटा होता है, तो इसके लक्षणों का पता लगा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं, इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद और इस डिसऑर्डर से जुड़ी जरूरी बातें, जो आपको जाननी जरूरी है।

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का मनाना का उद्देश्य
ज्ञात हो, 1 नवंबर साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का संकल्प पास किया था, जिसे सभा ने 18 दिसंबर 2007 को अपना लिया। तभी से हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इसका उद्देश्य है लोगों को इस डिसऑर्डर के बारे में जागरुक करना, जिससे इससे पीड़ित व्यक्ति की लाइफ को बेहतर बनाने में सहयोग मिल सके, और वह भी समाज में बेहतर जीवन जी सके।

यहां जानें ऑटिज्म डिसऑर्डर के बारे में 
आज ऑटिज्म के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन भारत में इसके मामले भी तेजी के साथ बढ़े हैं। जो चिंता बढ़ाते हैं। साल 2021 में Indian Journal of Pediatrics में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, देश में हर 68 बच्चों में से एक बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित है, जिनमें लड़कियों के मुकाबले लड़कों की संख्या तीन गुना अधिक है। 

इस साल की थीम
 इस साल की थीम, 'Empowering Autistic Voices' यानी इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की आवाज को शक्ति देना है। जिससे समाज में ऐसे लोगों के प्रति स्वीकार्यता बढ़े और वह भी अच्छी जिंदगी और बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकें। 

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