Baby Care Hospital fire incident: दिल्ली के विवेक विहार में स्थित बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने इस मामले में हॉस्पिटल के मालिक डॉ. नवीन और उनके साथी डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अब इस मामले में कई खुलासे हुए हैं।
FIR में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
FIR की कॉपी में कई बड़े और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। FIR में उल्लेख किया गया है कि मौके पर 5 ऑक्सीजन सिलेंडर फटे हुए पाए गए थे। इसके अलावा, 27 ऑक्सीजन सिलेंडर बिल्डिंग के अंदर और बाहर बिखरे हुए मिले थे। FIR में यह भी बताया गया है कि बेबी केयर हॉस्पिटल के मालिक डॉ. नवीन खींची और उनके साथियों ने अस्पताल की सुरक्षा के उचित प्रबंध नहीं किए थे, जिससे नवजात शिशुओं की जान को खतरे में डाला गया।
बहुत ही भयावह था यह ब्लास्ट
सिलेंडर ब्लास्ट इतना भयानक था कि आस-पास के मकानों के शीशे भी टूट गए और बिल्डिंग में आग लग गई। आग की लपटों ने बिल्डिंग के पास स्थित ITI कॉलेज को भी चपेट में ले लिया, जिससे वहां आग लग गई। इस आग की चपेट में कुछ वाहन भी आ गए, जिसमें एक स्कूटी और एक वैन शामिल थे। FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने IPC की धारा 304 और 308 को भी जोड़ दिया, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है।
कोर्ट में हुई आरोपियों की पेशी
सोमवार को पुलिस ने डॉ. नवीन और डॉ. आकाश को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से 5 दिन की रिमांड की मांग की, जिसे कोर्ट ने मान लिया। पुलिस अब बेबी केयर सेंटर से जुड़ी तमाम जानकारी जुटाने में लगी हुई है, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके। फायर विभाग से भी जानकारी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिल्डिंग फायर NOC के मानकों पर खरी उतरती है या नहीं। MCD ने भी बिल्डिंग की मैपिंग की है, क्योंकि 9 मीटर से ऊंची किसी भी कमर्शियल बिल्डिंग के लिए फायर NOC जरूरी होती है।
डिग्री और लाइसेंस की जांच
पुलिस और अन्य संबंधित विभाग इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि हॉस्पिटल का लाइसेंस किसके नाम पर था - डॉ. नवीन या उनकी पत्नी के नाम पर। इसके लिए दिल्ली हेल्थ विभाग से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, आरोपी डॉक्टरों की डिग्री की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे सही तरीके से प्रमाणित हैं या नहीं। अब पुलिस डॉ. नवीन और उसकी पत्नी की पूरी कुंडली खंगालने में जुट गई है। पुलिस ने जांच में पाया है कि अस्पताल को चलाने में कई नियमों काे ताक पर रखा जा रहा था।