Deported Indians Disclosure:अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों ने अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार की दर्दनाक कहानी सुनाई है। इनमें से ज्यादातर लोग पंजाब, हरियाणा और गुजरात के थे। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद इन यात्रियों ने बताया कि पूरे सफर के दौरान उनके हाथ और पैर जंजीरों में जकड़े हुए थे। अमेरिका के बॉर्डर पेट्रोल ने इन्हें पकड़ने के बाद बिना किसी पूर्व सूचना के जबरन भारत भेज दिया। इनमें कई महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल थे। इन सभी को बेहद खराब परिस्थितियों में सफर करने को मजबूर होना पड़ा
हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर भेजा भारत
डिपोर्ट किए गए भारतीयों ने बताया कि अमेरिका ने उन्हें सैन्य विमान में भेजा। पूरे सफर के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियों में रखा गया था। यह जंजीरें तब खोली गईं, जब वह सभी अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे। अमेरिका की इस कार्रवाई को ट्रंप प्रशासन की अवैध प्रवासियों पर सख्ती के तौर पर देखा जा रहा है। 104 डिपोर्ट किए गए लोगों में 33 हरियाणा, 33 गुजरात, 30 पंजाब, 3 महाराष्ट्र और 3 उत्तर प्रदेश से थे। इसके अलावा 2 लोग चंडीगढ़ के थे। इनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल थे।
VIDEO | Gujarat: Indians deported from the US arrive at Ahmedabad airport. A US military aircraft carrying 104 illegal Indian immigrants landed at Amritsar, Punjab, yesterday. Sources said that 33 of the 104 deportees are from Gujarat.#GujaratNews
— Press Trust of India (@PTI_News) February 6, 2025
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बॉर्डर पार करने की कोशिश में कई की हुई मौत
पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के दौरान उसने एक शख्स को जंगल में मरते और एक को समुद्र में डूबते देखा। वह छह महीने ब्राजील में रहा। वहां से कई खतरनाक रास्तों से होते हुए अमेरिका पहुंचा। वहीं, गुरदासपुर के 36 वर्षीय जसपाल सिंह ने बताया कि उसे अमेरिका की बॉर्डर पेट्रोल ने 24 जनवरी को गिरफ्तार किया था। वह एक एजेंट के जरिए अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे ठगा गया। उसने एजेंट को 30 लाख रुपए दिए थे, लेकिन वीजा देने के बजाय उसे अवैध रास्ते से भेजा गया।
लूट और जानलेवा हालातों का करना पड़ा सामना
पंजाब के एक दूसरे डिपोर्ट किए गए शख्स ने बताया कि वह ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका पहुंचा था। इस दौरान उनकी करीब 40-45 किमी की पैदल यात्रा हुई, जहां उसे कई पहाड़ और घने जंगल पार करने पड़े। उसने बताया कि इस सफर के दौरान उनकी करीब 35,000 रुपए की कीमत की कपड़े और दूसरे सामान चोरी हो गए। कई लोगों को बिना खाना-पानी के रहना पड़ा। कुछ को सिर्फ बिस्कुट और थोड़ा-बहुत चावल नसीब हुआ। सफर के दौरान कई ऐसे पहाड़ पार करने पड़े, जहां फिसलने पर बचने की कोई संभावना नहीं थी।
लाखों रुपए गंवाकर लौटे खाली हाथ
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए कई भारतीयों ने यह भी बताया कि वह एजेंटों के झांसे में आकर अपनी सारी जमापूंजी गंवा चुके हैं। जसपाल सिंह ने कहा कि उसने एजेंट को 30 लाख रुपए दिए थे, ताकि वह कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंच सके। लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया और अवैध रास्ते से भेज दिया। हरविंदर सिंह ने भी बताया कि उसने 42 लाख रुपए खर्च किए, लेकिन बदले में उसे जंजीरों में बांधकर वापस भारत भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहुंचने का सपना अब उनका सबसे बड़ा दुःस्वप्न बन चुका है।
जांच के घेरे में डिपोर्ट किए गए नागरिक
अमेरिका से लौटने के बाद अमृतसर एयरपोर्ट पर सभी डिपोर्ट किए गए भारतीयों की जांच की गई। पंजाब पुलिस, खुफिया एजेंसियां और केंद्रीय जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इनमें से कोई शख्स अपराधी तो नहीं है। अमृतसर एयरपोर्ट पर पूछताछ के बाद पंजाब के लोगों को पुलिस की गाड़ी से उनके गांवों तक पहुंचाया गया। वहीं, हरियाणा और गुजरात के लोग भी अपने घरों को लौट गए। कई लोग अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं, ताकि एजेंटों से अपने पैसे वापस लिए जा सकें।