अपनी मांगों को लेकर सरकार से चौथे दौर की बातचीत विफल होने के बाद एक बार फिर से किसान एक्शन मोड में आ गए हैं। किसानों ने कहा है कि वह बुधवार को दिल्ली कूच करेंगे। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। इधर पुलिस-प्रशासन भी किसानों को रोकने के लिए मुस्तैद है। पंजाब-हरियाणा और हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर एक बार फिर से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने एक बार फिर से किसानों को बातचीत करने की अपील की है। प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध किया है।
पोकलेन और बुलडोजर ले पहुंचे किसान
पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पूरी तैयारी में नजर आ रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर किसान इस बार सीमेंट की दीवारों को तोड़ने में इस्तेमाल होने वाली पोक्लेन मशीनें(Poclain Machine) लेकर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि इसकी मदद से किसान पुलिस की ओर से की गई बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे। किसान ट्रैक्टर पर पोक्लेन मशीनें लादकर पंजाब और हरियाणा से सटे अलग-अलग बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं। रविवार की शाम कुछ किसान ट्रैक्टर के साथ, कुछ पोक्लेन मशीनों के साथ और कुछ किसान बुलडोजर लेकर दिल्ली चलो मार्च के लिए कूच किया। किसान जेसीबी और बुलडोजर का इस्तेमाल हाईवे पर रखे कंक्रीट ब्लॉक्स और सीमेंटेड स्ट्रक्चर को तोड़ने के लिए कर सकते हैं।
आंसू गैस गोले और रबर पैलेट से बचने का इंतजाम
पिछली बार जब किसान हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। इस बार किसानों न सिर्फ उससे बचने का जुगाड़ लेकर आ रहे हैं। किसानों ने पोक्लेन मशीनों के ऑपरेटर केबिन के आगे लोहे की शीट लगा दी है, जिससे आंसू गैस के गोले और रबर पेलेट्स का इनपर असर नहीं होगा। जेसीबी के ऑपरेटर केबिन में एक छोटा से ग्रिल लगाया गया है जिससे किसान सामने देख सकें और इसे ऑपरेट कर सकें। किसान आंसू गैस से बचने के लिए चेहरे पर कपड़े लपेट कर आएंगे,जिससे गैस का असर कम हो। साथ ही बड़ी संख्या में बोरियां भी जुटाई गई हैं। किसानों का प्लान है कि जैसे ही आंसू गैस के गोले दागे जाएंगे इन बोरियों को पानी में भिंगाकर टीयर गैस शेल्स पर फेंक दिया जाएगा, जो गैस को फैलने से रोकेगा।
नदी को पार करने की भी है व्यवस्था
अंबाला से आगे बढ़ने के लिए किसानों को घग्गर नदी को पार करना होगा। हरियाणा पुलिस ने इस बात को ध्यान में रखते हुए नदी के तल की खुदाई कर बड़ी मात्रा में रेत हटा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि किसान ट्रैक्टर लेकर आसानी से नदी नहीं पार कर सकें। हालांकि, किसानों ने इसका भी तोड़ निकाल निया है। किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रेते से भरी बाेरियां लाद रखी है, जिससे जहां भी दिक्कत होगी इन बोरियों को डालकर अस्थायी पुल तैयार किया जा सके और घग्गर नदी को आसानी से लांघा जा सके।
पुलिस भी है पूरी तैयारी में
जहां एक ओर किसान दिल्ली कूच के लिए सभी तैयारी में जुटी है, वहीं दूसरी ओर पुलिस भी मुस्तैद नजर आ रही है। मीडिया में सामने आए एरियल विजुअल्स में पुलिस हेलमेट पहने और घुटने और सीने पर पैड लगाकर डटे नजर आ रहे हैं। दिल्ली की ओर आने वाले सभी बॉर्डर पर कंक्रटी के बैरियर रख दिए गए हैं, कंटीले तारों से घेराबंदी की गई है। पुलिसकर्मियों को कई लेयर में तैनात किया गया है। पुलिस ने हाईवे पर कीलों की पट्टियां बिछा दी है ताकि, किसानों को दिल्ली बॉर्डर के बेहद करीब आने से रोका जा सके। पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान किसान दिल्ली बॉर्डर पर महीनों डटे रहे थे, इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें रोकने की यह सारी कोशिश की गई है।
हरियाण पुलिस ने पंजाब पुलिस से मांगी मदद
किसानों की मूवमेंट देखकर हरियाणा पुलिस सतर्क हो गई है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को चिट्ठी लिखकर पोक्लेन मशीनों को जब्त करने के लिए कहा है। हरिणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के डीजीपी को चिट्ठी लिखकर किसानों के बारे में आगाह किया है। पंजाब पुलिस से बॉर्डर पर डटे किसानों की ओर से बैरिकेड्स तोड़ने के लिए जेसीबी पोक्लेन मशीनें और बुलडोजर जुटाने की जानकारी दी है। साथ ही ऐसे उपकरणों को तत्काल जब्त करने का अनुरोध किया है। हरियाणा डीजीपी ने कहा कि इस तरह के उपकरणों से पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए खतरा हो सकता है। इन वाहनों के मालिकों से संपर्क किया जाए और उन्हें किसानों को इसे देने से रोका जाए। अगर इन मशीनों से पुलिसकर्मियों को नुकसान पहुंचता है तो यह एक अपराध माना जाएगा।
DGP Punjab orders stopping the movement of JCBs, Poclaines, Tippers, Hydras and other heavy earthmoving equipments towards the Punjab-Haryana Border at Khanauri and Shambu. pic.twitter.com/HMVwo5aVcO
— ANI (@ANI) February 20, 2024
गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश
किसानों के तेवर देखकर गृह मंत्रालय भी चौकन्ना हो गया है। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह किसानों को भारी संख्या में एकजुट होने से रोके। गृह मंत्रालय ने कहा कि बीते कुछ दिनों से पंजाब में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। किसानों आंदोलन की आड़ में कुछ उपद्रवियों की ओर से कानून तोड़ने की आशंका है। उपद्रवी पथराव करने और पड़ोसी राज्यों में अशांति पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में ज्यादा भीड़ जुटने को रोका जाए। पंजाब से सटे हरियाणा बॉर्डर पर भारी मशीनों को इजाजत दिए जाने पर भी गृह मंत्रालय ने सवाल उठाए हैं।
पंजाब बॉर्डर पर 12 हजार से ज्यादा लोग जुट सकते है
गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से कहा कि आंतरिक रिपोर्ट में कई बातों का चला है। राजपुरा-अंबाला रोड पर शंभू बॉर्डर पर 14 हजार लोगों को एकजुट होने की इजाजत दी गई है। इनके पास करीब 1200 ट्रैक्टर ट्रॉली , 300 से ज्यादा कार और करीब 10 मिनी बस और बड़ी संख्या में दूसरी छोटी गाड़ियां हैं। इसी तरह से ढाबी-गुजरान सीमा पर करीब 500 ट्रैक्टर टॉलियों के साथ करीब 4500 से ज्यादा लोगों को सार्वजनिक सभा करने की इजाजत दी गई है। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इसे तत्काल रोकने के लिए कहा है।
#WATCH | Farmer leaders reject the Government's proposal over MSP | Union Minister Arjun Munda says, "I would appeal to the farmers and the farmers organisations which are connected with this (protest) to maintain peace. We have to take it forward from discussion to solutions...… pic.twitter.com/WDvqIb38EQ
— ANI (@ANI) February 20, 2024
कृषि मंत्री ने किसानों से की बातचीत करने की अपील
इस बीच मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक बार फिर से किसानों से बातचीत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों से मैं अपील करना चाहता हूं कि बातचीत करें। हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत करके समाधान ढूढने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। पूरा देश चाहता है कि शांति कायम रहे। हम सभी लोगों की इच्छा है किसानों के मुद्दों का समाधान खोजा जाए। हमारी ओर से बातचीत जारी रखने की कोशिश की गई थी। हालांकि, हमें यह जानकारी मिली कि किसानों ने सरकार का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है। मैं सभी संगठनों से अपील करता हूं कि वह बातचीत करने के लिए आगे आएं।
#WATCH | Farmer leaders reject the Government's proposal over MSP | Union Minister Arjun Munda says, "We want to do good and several opinions can be given for doing so, as we always welcome good opinions... But to find a way on how that opinion will be fruitful, the only way is… pic.twitter.com/KZCliJA5xb
— ANI (@ANI) February 20, 2024
विफल रही थी किसानों से चौथे चरण की बातचीत
किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच रविवार की देर रात तक चर्चा चली थी। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए थे। मंत्रियों के एक पैनल ने किसानों के सामने एमएसपी को लेकर प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव में पांच फसलों - मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास को पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्टर करने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, किसानों ने इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। किसानों ने कहा कि यह उनके हित में नहीं है। एमएसपी गारंटी कानून के अलावा कुछ भी किसानों को मंजूर नहीं है।
किसान नेता पंढे़र ने सत्र बुलाने की मांग
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को विभिन्न फसलों पर एमएसपी कानून लाने के लिए एक दिन का सत्र बुलाना चाहिए। हमारी मांग है कि एमएसपी गारंटी के लिए कानून बनाया जाए। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इस कानून को लाने की इच्छाशक्ति है तो वह संसद का एक दिवसीय सत्र बुलाएं। अगर वह ऐसा करते हैं तो कोई भी विपक्षी पार्टी इसके खिलाफ नहीं होगी। बता दें कि किसान मजदू मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा( गैरी राजनीतिक) साथ मिलकर दिल्ली चलो मार्च की अगुवाई कर रहा है।
दिल्ली पुलिस की मॉक ड्रील
किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भी कमर कस ली है। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली की सीमा में एंट्री करने से रोकने के लिए मॉक ड्रिल किया। इस बीच दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस को सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि किसानों को दिल्ली के अंदर घुसने से रोका जाएा। किसानों की एक भी गाड़ी को दिल्ली में घुसने की इजाज नहीं दी जाए। इस बात को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल किया गया।
जाम हो सकते हैं दिल्ली की तीन बॉर्डर
किसानों के आंदोलन की वजह से बुधवार को दिल्ली के तीन बॉर्डर पर जाम की स्थिति पैदा हो सकती है। इनमें टिकरी और सिंघू बॉर्डर और दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर स्थित दो बॉर्डर शामिल हैं। पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। किसानों की तादाद को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर भी बंद करने की योजना तैयार की गई है। बता दें कि पंजाब हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बीते 13 फरवरी से किसान डटे हुए हैं। किसानों को रोकने के लिए सड़क पर सीमेंट की दीवारें बनाई गई हैं। कंक्रीट ब्लॉक्स और लोहे के भारी कंटेनर रखे गए हैं।