Army Chief Upendra Dwivedi: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति अब भी संवेदनशील और "सामान्य" नहीं है। उन्होंने यह बयान चाणक्य रक्षा संवाद में दिया, जहां उन्होंने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर सेना की तैयारियों और रणनीति पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, भारत-चीन सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन अप्रैल 2020 से पहले जैसी सामान्य स्थिति की बहाली की जरूरत है।
LAC पर सामान्य स्थिति कोसों दूर
जनरल द्विवेदी ने कहा कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा, सहयोग, सह-अस्तित्व और टकराव की स्थिति बनी हुई है। अप्रैल 2020 में चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। हालांकि, इस घटना के बाद से पूर्वी लद्दाख में तनाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वास की सबसे बड़ी क्षति दोनों देशों के बीच हुई है। तब तक स्थिति सामान्य नहीं मानी जाएगी जब तक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं हो जाती।
#WATCH | At the Chanakya Defence Dialogue, Indian Army chief Gen Upendra Dwivedi says, "...As far as China is concerned, it has been intriguing our minds for quite some time. With China, you have to compete, cooperate, coexist, confront, and contest... So what's the situation… pic.twitter.com/p4zzuuQT4y
— ANI (@ANI) October 1, 2024
चीन की धूर्त गतिविधियों से बिगड़े संबंध
चीन की लगातार उकसाने वाली गतिविधियों ने भारत-चीन संबंधों को और मुश्किल बना दिया है। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत-चीन के राजनयिक संबंध बहुत गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। जनरल द्विवेदी के मुताबिक, भारत-चीन के बीच चल रही राजनयिक वार्ता में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, लेकिन जमीनी स्थिति पर कोई अहम बदलाव नहीं हुआ है।
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— Firstpost (@firstpost) October 1, 2024
Lebanon Pager Attack: "The war does not start the day you start fighting, it starts the day you start planning." Indian Army Chief General Upendra Dwivedi tells @palkisu. pic.twitter.com/xFYgwUqhi8
राजनयिक वार्ताओं का असर सीमित
भारतीय और चीनी सेना ने 2020 के बाद कई दौर की में बातचीत की है, लेकिन LAC पर तनाव से जुड़े सभी बिंदुओं का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। हालांकि, हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और विवादित क्षेत्रों में जल्द समाधान की बात पर सहमति जताई थी।
#WATCH | On Grey-zone warfare, Indian Army chief Gen Upendra Dwivedi says, "...Do we call Doklam a war? Do we call Kargil a full-fledged war? Do we call Galwan a war? The answer is no. So all these are basically part of the grey zone battle. So we need to be prepared for it. And… pic.twitter.com/dDgZWe1mK8
— ANI (@ANI) October 1, 2024
चीन के 'मॉडल गांव' को बताया कृत्रिम प्रवास
चीन LAC के पास नए गांव बसा रहा है, जिसे जनरल द्विवेदी ने "कृत्रिम प्रवास" कहा। उन्होंने कहा कि चीन की यह रणनीति दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है, लेकिन भारतीय सेना इसके लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी सीमावर्ती क्षेत्रों में नए मॉडल गांवों को तैयार करने पर ध्यान दे रही है।
इजरायल की हिजबुल्लाह पर हमले को बताया मास्टरस्ट्रोक
इजरायल की हिजबुल्लाह पर हमले की योजना को भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मास्टरस्ट्रोक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह रणनीति वर्षों की तैयारी का नतीजा है। इस योजना में इजरायल ने एक शेल कंपनी बनाई, जिसने हिजबुल्लाह को विस्फोटक पेजर भेजे। इस कदम से हिजबुल्लाह के आतंकवादी संगठन को बड़ा नुकसान हुआ।जनरल द्विवेदी ने कहा कि युद्ध की शुरुआत लड़ाई से नहीं, बल्कि योजना बनाने से होती है। इजरायल ने पहले हमास को निशाना बनाया और फिर अपना ध्यान हिजबुल्लाह पर केंद्रित किया। इजरायल द्वारा शेल कंपनी के जरिए पेजर बनाने की योजना को एक अहम कदम माना जा रहा है।
इजरायल ने कुछ अलग रणनीति बनाई
इजरायल ने हाल ही में अपनी सैन्य कार्रवाई को गाजा से उत्तरी सीमा की ओर शिफ्ट किया हे। यहां उसने हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और कई अन्य बड़े नेताओं को निशाना बनाया। जनरल द्विवेदी ने इसे इजरायल की "कुछ अलग" रणनीति बताया, जिसने पहले हमास को कमजोर किया और फिर हिजबुल्लाह की ओर रुख किया।पिछले महीने लेबनान में हिजबुल्लाह के सदस्यों के पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए कई विस्फोटों में 40 से अधिक लोग मारे गए और 3,000 से ज्यादा घायल हुए। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह पेजर एक शेल कंपनी द्वारा बनाए गए थे, जिन्हें पहले ही विस्फोटक से लैस किया गया था।
आर्मी चीफ ने हमास के हमले को बताया 'सप्लाई चेन अटैक'
इस हमले को विशेषज्ञों द्वारा 'सप्लाई चेन अटैक' कहा जा रहा है। इस रणनीति में किसी आपूर्तिकर्ता के माध्यम से उत्पाद में विस्फोटक डिवाइस डाला जाता है। इससे दुश्मन को नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे उसकी आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हो जाती है। जनरल द्विवेदी ने भारत को इस प्रकार की सप्लाई चेन में होने वाली रुकावटों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमें तकनीकी और मैन्युअल स्तर पर कई तरह के निरीक्षण सुनिश्चित करने होंगे ताकि हमारे देश में ऐसी घटनाएं न हो सकें।