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Modi 3.0: नरेंद्र मोदी शाम 6 बजे राष्ट्रपति से मिलने गए। प्रेसिडेंट ने उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया और सरकार बनाने का न्यौता दिया। वे 9 जून को शाम 7.15 बजे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

Modi 3.0: देश में नई सरकार बनाने के लिए शुक्रवार को NDA ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। एनडीए नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समर्थक सांसदों की लिस्ट सौंपी। इसके बाद नरेंद्र मोदी शाम 6 बजे राष्ट्रपति से मिलने गए। प्रेसिडेंट ने उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया और सरकार बनाने का न्यौता दिया। मोदी 9 जून को शाम 7.15 बजे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले संसद के सेंट्रल हॉल में मोदी एनडीए दलों के लीडर चुने गए। इसके बाद वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मिलने उनके आवास पहुंचे। मोदी ने दोनों मार्गदर्शकों से आशीर्वाद लिया। वे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिले।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी क्या बोले?

  • नरेंद्र मोदी ने कहा- ''ये 18वीं लोकसभा है। एक प्रकार से नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा और कुछ कर गुजरने के इरादे वाली ये लोकसभा है। आजादी के अमृतकाल के बाद की नई लोकसभा है। देश आजादी की शताब्दी मनाएगा, उसके संकल्प को पूरा करना है। देशवासियों को भरोसा देता हूं कि पिछले दो कार्यकाल में देश जिस गति से आगे बढ़ा है। समाज के हर वर्ग में बदलाव साफ नजर आ रहा है। 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना अपने आप में गर्व की बात है। मैं उसी समर्पण भाव से देश की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। आज एनडीए के साथियों ने मुझे गठबंधन का नेता चुना है। हमने राष्ट्रपति को सांसदों का समर्थन पत्र सौंपा था। अब राष्ट्रपति जी ने हमें सरकार बनाने का मौका दिया है। कार्यवाहक पीएम के रूप में मुझे नियुक्त किया है। हमें मंत्री परिषद की सूची देने के लिए कहा है। हमने 9 जून की तारीख शपथ ग्रहण के लिए सुलभ बताई है।''
  • मोदी ने रायसीना हिल्स पर संबोधन में कहा- ''2014 में हम नए थे। मुझे दो कार्यकाल में नया अनुभव मिला है। अब इसी अनुभव से देश की सेवा करना है। इन 10 सालों में भारत की जो छवि बनी है। इसका अधिकतम लाभ अब शुरू हो रहा है। यह वैश्विक परिवेश में अहम होने वाला है। दुनिया अनेक संकट और आपदाओं से गुजर रही है। ऐसी विकट परिस्थिति दुनिया ने सालों बाद देखी है। हर देश खुद को चुनौतियों से बचाए रखने की कोशिश में जुटा है। हम भारत के लोग दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के रूप में जाने जाते हैं। देश के सभी राज्यों को विकास का लाभ मिलेगा। विशेषकर युवा पीढ़ी को फायदा मिलेगा। इस अहम दायित्व के लिए राष्ट्रपति जी का धन्यवाद करता हूं।'' 

मोदी ने मुरली मनोहर जोशी से की मुलाकात
मुरली मनोहर जोशी 80 और 90 के दशक में बीजेपी के प्रमुख चेहरे में से एक थे। उस दौरान पीएम मोदी राजनीति में उभर ही रहे थे। ऐसे समय में पीएम नरेंद्र मोदी को मुरली मनोहर जोशी का मार्गदर्शन मिला था। यही वजह बताई जा रही है कि पीएम मोदी  संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता से मिलने पहुंचे। बता दें कि आज से 30-32 साल पहले जब मोदी राजनीति में नए नए थे तो बीजेपी के कई बड़े अभियानों में वह मुरली मनोहर जोशी के साथ चलते थे।
11 दिसंबर 1991 को मुरली मनोहर जाेशी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा की थी। उस समय में मोदी मुरली मनोहर जोशी के पीछे-पीछे चलते थे। हाल ही में जब पीए मोदी कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल गए थे तो उनकी वर्षों पुरानी वह तस्वीर वायरल हुई थी। 

लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे पीएम मोदी
राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश होने के बाद पीएम मोदी भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे। यहां पहुंच कर लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी ने फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। इसके बाद पीएम मोदी ने कुछ देर कर बैठक कर लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। बता दें कि पीएम मोदी लालकृष्ण आडवाणी को अपना गुरु मानते हैं। पीएम मोदी को पहली बार गुजरात भेजने का फैसला लालकृष्ण आडवाणी ने ही लिया था। इसके साथ ही गुजरात का सीएम रहते जब भी मोदी अड़चनों में फंसे तो आडवाणी उनके बचाव में खड़े रहे थे। 

रामनाथ कोविंद से मिले पीएम मोदी
पीएम मोदी एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद रामनाथ कोविंद से भी मिलने उनके घर पहुंचे। यहां पहुंचकर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति को फूलों को गुलदस्ता भेंट किया। बता दें कि रामनाथ कोविंद ने पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के आखिरी चरण में देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। रामनाथ कोविंद ने देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर सेवाएं दी। रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यभार संभाला था। रामनाथ कोविंद भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति थे। देश के पहले दलित राष्ट्रपति केआर नारायणन थे। 

एनडीए सहयोगी दलों ने अपना नेता चुना
शुक्रवार की सुबह से ही एनडीए के सभी दलों में संसदीय दल की बैठक को लेकर गहमा गहमी तेज रही। बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक एनडीए सहयोगी दल पूरे एक्टिव नजर आए। बिहार में एनडीए के तीन अहम सहयोगी दल ने बैठक की। इनमें नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू, चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) और जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) शामिल रही। तीनों पार्टियों ने अपने संसदीय दल का नेता चुना। 

पुरानी संसद भवन में जुटे एनडीए नेता
सुबह करीब 11 बजे के आसपास दिल्ली में एनडीए गठबंधन की मीटिंग को लेकर गहमा गहमी तेज होने लगी। एक एक कर बीजेपी के नेता और एनडीए सहयोगी दलों के नेता दिल्ली पहुंचने लगे। दोपहर 12 बजे तक बीजेपी और एनडीए गठबंधन के सभी सांसद पुरानी संसद भवन में पहुंच गए। इसमें नीतीश, चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण, चिराग पासवान, अनुप्रिया पटेल, जीतनराम मांझी और एकनाथ शिंदे जैसे नेता मौजूद रहे। वहीं बीजेपी के अध्यक्ष, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत सभी वरिष्ठ मौजूद रहे।

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