Operation Meghdoot Siachen: भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा शनिवार को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत चलाया गया। यह महत्वपूर्ण सैन्य अभियान सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण बरकरार रखने और इसे किसी भी तरह के कब्जे से बचाए के मकसद से चलाया गया। बता दें कि पाकिस्तान भी सियाचिन पर अपनी झूठी दावेदारी पेश करता रहा है। सियाचिन को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है।
IAF ने किया ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल
ऑपरेशन मेघदूत में भारतीय वायु सेना (IAF) ने अहम भूमिका निभाई। IAF ने अपने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट An-12s, An-32s और IL-76s से सैनिकों और रसद को एक निश्चित ऊंचाई तक पहुंचाया। सेना के उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को एयरड्रॉप किया। इसके बाद सेना के एमआई-17, एमआई-8, चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों की मदद से जवानों और उपकरणों को सियाचिन की चोटियों पर पहुंचाया गया।
#WATCH | A military operation 'Operation Meghdoot' took place on April 13, 1984, by the Indian Army and Indian Air Force (IAF), in order to gain control of Siachen glacier, the world's highest battlefield. The operation's primary objective was to thwart Pakistan's efforts to… pic.twitter.com/Knkp9xbeXc
— ANI (@ANI) April 13, 2024
सियाचिन में साल भर जमी रहती है बर्फ
इन हेलिकॉप्टर्स के निर्माताओं की ओर से उड़ाने के लिए तय ऊंचाई से भी ज्यादा ऊंची जगह पर सभी जवानों और उपकरणों को सफलतापूर्वक पहुंचाया। बता दें कि सियाचिन में पूरे साल बर्फ जमी रहती है। यहां का मौसम बेहद ही ठंडा है। इस क्षेत्र में तैनात जवानों के लिए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर लाइफ लाइन के तौर पर काम करते हैं। जवानों को बाहरी दुनिया से जोड़ते हैं।