Pravasi Bharatiya Sammelan 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (9 जनवरी) को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पहुंचे।पीएम मोदी ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराएगी। इस सम्मेलन में 70 देशों से 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य युद्ध में नहीं बुद्ध में है।
पीएम मोदी ने सम्मेलन में आए लोगों का स्वागत किया
पीएम मोदी ने सम्मेलन में आए सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की धरती पर सभी का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जल्द ही मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी और माघ बिहू जैसे त्योहार आने वाले हैं। यह समय त्यौहारों का है, और प्रवासी भारतीयों के साथ यह खुशी और भी बढ़ जाती है।
यहां सुनिए और देखिए पीएम मोदी ने क्या कहा:
भारतीय प्रवासी भारत के राष्ट्रदूत हैं
पीएम मोदी ने कहा किभारतीय प्रवासी भारत के राष्ट्रदूत हैं। उन्होंने कहा कि जब वे आप सबसे बात करते हैं, तो जो प्यार और सम्मान मिलता है, वह भूलने लायक नहीं है। उन्होंने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि आप लोगों की वजह से उन्हें गर्व से दुनिया में सिर ऊंचा रखने का मौका मिलता है। पिछले दस सालों में उन्होंने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की है, जो भारतीय डाइसपोरा की प्रशंसा करते हैं। इसका बड़ा कारण भारतीयों की सामाजिक मूल्य और संस्कृति है, जिसे आप अपने देश के बाहर भी निभाते हैं।
भारत अभूतपूर्व गति से विकास कर रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय हर जगह आसानी से जुड़ जाते हैं। हमें विविधता सीखनी नहीं पड़ती, क्योंकि यह हमारे जीवन का हिस्सा है। जहां भी भारतीय जाते हैं, वहां की परंपराओं और नियमों का सम्मान करते हैं। उस देश की सेवा करते हैं और उसकी प्रगति में योगदान देते हैं। इसके बावजूद उनके दिल में भारत हमेशा धड़कता रहता है। भारतीय हर खुशी और उत्सव में भारत से जुड़े रहते हैं। 21वीं सदी का भारत अभूतपूर्व गति से विकास कर रहा है।
बीते 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए
प्रधानमंत्री ने बताया कि मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। चंद्रयान मिशन की सफलता पर उन्होंने गर्व जताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की ताकत और नवीकरणीय ऊर्जा, बुलेट ट्रेन और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में प्रगति देखकर दुनिया हैरान है।
आज भारत की बात पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की बात पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है। भारत न केवल अपनी बात मजबूती से रखता है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज भी उठाता है। उन्होंने बताया कि भारतीय पेशेवर बड़े वैश्विक मंचों पर योगदान दे रहे हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वालों को शुभकामनाएं दीं। पीएम ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत युवा और स्किल्ड पॉप्युलेशन के मामले में दुनिया का नेतृत्व करेगा।
सम्राट अशोक ने ओडिशा में ही शांति का रास्ता चुना
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की 1915 में भारत वापसी का जिक्र किया और बताया कि उनकी वापसी ने देश को नई ऊर्जा दी। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती का भी जिक्र किया। ओडिशा की समृद्ध विरासत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की हर जगह भारत की धरोहर का प्रतीक है। धौली शांति का प्रतीक है, जहां सम्राट अशोक ने शांति का रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि यह वही ताकत है, जो भारत को कहने का हौसला देती है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।
बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय शामिल हो रहे
इस साल सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है। त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया। सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रवासी भारतीयों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण करवा रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के भारतीय प्रवासियों ने भी इस आयोजन में गहरी रुचि दिखाई है।
चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन
सम्मेलन में चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। इनमें रामायण की विरासत, प्रौद्योगिकी में प्रवासियों का योगदान, मांडवी से मस्कट तक का भारतीय प्रवास, और ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इन प्रदर्शनों का महत्व बताते हुए प्रवासियों के योगदान को सराहा। 10 जनवरी को समापन सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगी।
सम्मेलन के पहले दिन पहुंचे थे एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 8 जनवरी को युवा प्रवासी दिवस के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के काम करने का नजरिया बदल दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय युवाओं की नई पीढ़ी वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का जिक्र करते हुए कहा कि सिंधु ने प्रधानमंत्री मोदी को यूथ आइकन बताया था।
अटल बिहारी ने की थी प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत
प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। इसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के योगदान को सम्मान देना और उनकी उपलब्धियों को पहचान दिलाना है। 2021 में कोविड महामारी के दौरान इसे वर्चुअल मोड पर आयोजित किया गया था। इस साल पहली बार पूर्वोदय योजना के तहत इसे देश के पूर्वी हिस्से में आयोजित किया गया है।